कोटा . कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र रामपुरा में एक बार फिर एम्बुलेंस नहीं मिलने से परिजन अपने मरीज की जान बचाने के लिए फिर ठेले पर लेकर दौड़े, लेकिन उसे बचा नहीं सके। रामपुरा फतेहगढ़ी निवासी दामोदर मीणा ने बताया, उसके भाई क्षेत्रपाल मीणा (45) रविवार रात 8 बजे घर पर खाना खाने के बाद अचेत हो गए।
पड़ोसी ने 108 एम्बुलेंस व 100 नम्बर पर डायल किया, लेकिन किसी ने फोन उठाया। तबीयत ज्यादा बिगडऩे लगी तो पास ही ठेला खड़ा था। हमने पड़ोसी की मदद से अचेत क्षेत्रपाल को ठेले पर लिटाया और उसे लेकर रामपुरा जिला अस्पताल के लिए दौड़े। वहां चिकित्सकों ने उसे एमबीएस अस्पताल ले जाने को कहा। जिला अस्पताल में भी मरीज के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी। बाद में एक परिचित की कार मंगवाई, जिससे क्षेत्रपाल को एमबीएस अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सक ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
जिम्मेदारों ने नहीं लिया सबक
रामपुरा फतेहगढ़ी निवासी सतीश अग्रवाल की 29 अप्रेल को मौत हुई थी। कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र होने के कारण उसके लिए भी कोई एम्बुलेंस नहीं आई थी। आखिरकार उसका बेटा ठेले पर लेकर उसे दौड़ा था।