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सामाजिक-आर्थिक हर मुद्दे पर केंद्र सरकार की कमियां गिनाई

locationजयपुरPublished: Dec 17, 2019 01:25:10 am

Submitted by:

Ankit

– सरकार के एक साल पूरा होने पर प्रेसवार्ता

सामाजिक-आर्थिक हर मुद्दे पर केंद्र सरकार की कमियां गिनाई

सामाजिक-आर्थिक हर मुद्दे पर केंद्र सरकार की कमियां गिनाई


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियां बताने के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी जमकर खिंचाई की। करीब 1 घंटे 20 मिनट तक चली प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री ने कभी हंसी-मजाक में तो कभी तंज कसते हुए सामाजिक-आर्थिक हर मुद्दे पर बात की। गहलोत केंद्र सरकार नागरिक संशोधन अधिनियम के लेकर ऑनर किलिंग व मॉब लिंचिंग बिल को अटकाने पर जमकर बरसे। वहीं घूंघट प्रथा व छुआछूत जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी बोले। इस दौरान चिकित्सा व जनसंपर्क मंत्री रघु शर्मा भी मौजूद रहे।
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निरोगी राजस्थान पर फोकस

सरकार पहली वर्षगांठ पर राज्य को निरोगी राजस्थान योजना का तोहफा देने जा रही है। इस योजना के तहत प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य पर फोकस किया जाएगा। जिसमें बच्चों के खान-पान से लेकर, इलाज व अन्य संबंधित योजनाएं जुड़ी होंगी। जन स्वास्थ्य से जुड़ी हुई योजनाएं को जनता तक पहुंचाएंगे।
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जानिए, किस मुद्दे पर क्या कहा –
– चुनावी बॉण्ड – गहलोत ने चुनावी बॉण्ड को आज के समय का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया। काम के बदले बॉण्ड लिए जा रहे हैं। मोदी सरकार ने इस भ्रष्टाचार को सिस्टम में डाल दिया। भारत निर्वाचन आयोग सहित कई एजेसिंयो ने इसका विरोध किया। ये बॉण्ड देश को बर्बाद कर रहे हैं।
– केंद्र में अटकी पड़े दो महत्वपूर्ण बिल – ऑनर किलिंग बिल व मॉब लिंचिंग बिल राज्य सरकार ने पास किए। मगर से दोनों महत्वपूर्ण बिल केंद्र में अटके पड़े हैं।

– खत्म हो घूघंट प्रथा और छुआछूत – मोबाइल के युग में महिला घूंघट में कैद है। ये उन्होंने अपने घर में भी देखा है, मगर तब वे कुछ नहीं कर पाए। अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि जो उन्होंने खुद महसूस किया है, उसी के खिलाफ बोल रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने छुआछूत को भी मानवता पर कलंक बताया। सामाजिक बदलाव के लिए आगे आने के लिए मीडिया व लोगों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एक बार नसबंदी पर काम किया था तो जनता ने उखाड़ फेंका। उसके बाद किसी ने चर्चा ही नहीं की। उसी का नतीजा है कि आबादी बेतहाशा बढ़ रही है।
– नागरिक संशोधन बिल – देश में खतरनाक खेल चल रहा है। भाजपा हिंदू राष्ट्र बनाने के एजेंड़े पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस अधिनियम को राजस्थान में लागू नहीं करने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अब तक सभी को नागरिकता मिल रही थी, फिर धर्म को आधार क्यों बनाया गया? नागरिकता अधिनियम प्रेक्टिकल नहीं है।
– फसली ऋण माफ – राज्य की बैंकों के साथ-साथ भूमि विकास बैंकों का भी माफ कर दिया। राष्ट्रीयकृत बैंकों के केंद्र सरकार की है। इसके लिए पीएम को पत्र लिखे हैं। राष्ट्रीयकृत बैंक जैसे उद्यमियों के साथ वन टाइम सैटलमेंट करते हैं, वैसा किसानों के साथ होना चाहिए।
– रिफाइनरी – कांग्रेस सरकार के पिछले कार्यकाल के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बाड़मेर रिफाइनरी पर कहा कि सरकार इसे जल्द पूरा करने की कोशिश कर रही है। पिछली सरकार ने पांच साल खराब कर दिए। अब वे खुद लगातार बाड़मेर जाकर मॉनिटरिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि जब कच्चा तेल निकला था, उस समय काफी लाभ मिला। अब तेल की अन्तर्राष्ट्रीय कीमतें गिर गई। सरकार को जो राजस्व मिलना था, वह स्थिति नहीं रही। वहीं पोटाश खनिज पर भी कहा कि यह खनिज अगले दस साल तक नहीं मिलने वाला। इस पहले एक हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे, तभी कहीं संभावना है।
– अब पाकिस्तान-भारत पर बात – जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब विश्वभर में चर्चा थी कि चीन और भारत विश्व की दो सबसे बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। अब चर्चा है भारत-पाकिस्तान की। जबकि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री कह रहा है कि भारत से लडऩे की हैसियत नहीं है। मगर केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक कर रही है। चुनाव को इससे प्रभावित करने का खेल चल रहा है।
– यूं बोला भाजपा पर हमला – गहलोत ने कहा कि वे ना आरएसएस के खिलाफ हैं न बीजेपी के। लोकतंत्र का मतलब है कि अभिव्यक्ति की आजादी। देश में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि जो असहमत है, वह राष्ट्रद्रोही हो। जबकि इन्होंने आजादी की लड़ाई में एक अंगुली भी नहीं कटाई।
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पत्रकार कल्याण के भी उठाएंगे कदम – साल 2013 में पत्रकारों से जो वादे किए थे, वह पूरे करेंगे। जिन पत्रकारों का एक्रीडेशन नहीं है और वे सही मायने में पत्रकारिता कर रहे हैं, उनकी पहचान के लिए सिस्टम विकसित कर रहे हैं।
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दुष्कर्म के बाद एचआइवी जांच को अनिवार्य करने की तैयारी – मुख्यमंत्री चर्चा के दौरान दुष्कर्म जैसे अपराधों पर गंभीर नजर आए। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के बाद एचआइवी जैसी जांचों को अनिवार्य की जानी चाहिए। इस संबंध में चिकित्सा मंत्री से भी पहले भी चर्चा की है। जल्द ही इस पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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