राठौड़ ने कहा कि जुलाई 2020 में कांग्रेस में हुई बगावत को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार भाजपा पर अनर्गल आरोप लगाकर बयानबाजी करते हैं। अपने पास कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर सबूत होने का दावा करते हुए भी थकते नहीं है। यदि मुख्यमंत्री के पास इस संबंध में कोई भी सबूत है तो उसे जनता के समक्ष रखने में वे इतना घबरा क्यों रहे हैं ?राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार में जलदाय मंत्री व मुख्य सचेतक महेश जोशी ने फोन टैपिंग प्रकरण में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित 19 विधायकों के खिलाफ वर्ष 2020 में एसीबी व एसओजी में एफआइआर नं. 47,48,49 व 129 दर्ज करवाई थी। तत्पश्चात बिना किसी जांच के इन एफआइआर में जो कल तक अपराधी थे उन्हें क्लीन चिट देकर आज मंत्रिमंडल में बैठाए रखने की आखिरकार क्या मजबूरी रही? आज जिसे मुख्यमंत्री गद्दार की संज्ञा दे रहे हैं तो उस पायलट गुट के अपने ही विरोधियों को मंत्रिमंडल विस्तार के समय मंत्री पद से क्यों नवाजा गया?
कांग्रेस की नई फिल्म का नाम गद्दार कौनभाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि हर दो-चार, छह माह में कांग्रेस में इस तरह की घटनाएं हो रही है। कांग्रेस की नई फिल्म रिलीज हुई है, जिसका नाम है गद्दार कौन? हमारा दर्द राजस्थान की जनता को लेकर है। राजस्थान की जनता को कांग्रेस की गुटबाजी का खमियाजा भुगतना पड़ा है। राजस्थान की पुलिस कानून व्यवस्था का काम करने की जगह जासूसी के काम में ही लगी रही। जिस तरह के आरोप भाजपा पर लगाए गए, वह सही नहीं है। सच तो यह है कि विग्रह उनके अंदर है। पूनिया ने सचिन पायलट से बातचीत के मुख्यमंत्री के दावों को पूरी तरह से निराधार बताया। हम न कभी मिले, न कभी बात की। न ही इसकी जरूरत थी।