सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र सांगोद के ट्रेनी पुलिस अधिकारी पर डीएसपी दीपक गर्ग पर झूठे केस बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गर्ग ने कुशलता का परिचय देने के लिए झूठे तरीके से 54 मुकदमें बना लिए। ट्रेनिंग पीरियड में पुलिस का अधिकारी इस तरह का काम करने लग गया। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की मांग की।
लातों के भूत बातों से नहीं मानता सिंह ने कहा कि हमारी जेलों की स्थिति बहुत खराब है। कोई गलती से अपराध करके जेल चला गया तो उसका जीना ***** हो जाता है। एक जेल से जुड़े पुलिस अधिकारी मेरे घर पर मिलने आए और बोले की भगवान किसी को जेल में नहीं भेजे। आदतन अपराधी जेलकर्मियों से मारपीट करते हैं। इस तरह के समाजकंटकों के लिए अलग जेल बनाई जाए और वहां उनको परम्परागत तरीके से सुधारो। लातों के भूत बातों से नहीं मानते। जेल अपराध के लिए अड्डे बन गए हैं। सुरक्षा के कर्मयारी इन शैतानों से डरते हैं।
चालान करके कमाई करना बन गया उद्देश्य सिंह ने कहा कि ट्रैफिक पर पुलिस को ध्यान देखने की जरूरत है। कोटा और जयपुर में पुलिस की चैकिंग व्यवस्था खराब है। इनका पूरा फोकस चालान पर रहता है। कोटा में 120 ट्रैफिक कर्मचारी हैं। कोटा में 2018 में 21 हजार चालान बनाए गए, लेकिन इस साल दुर्घटना में 489 और 93 मौत हुई। इसी तरह 2019 में उसी ट्रैफिक पुलिस ने 80 हजार चालान बनाए, मगर दुर्घटना और मौतें ज्यादा हुई हैं। पुलिस का पूरा फोकस चालान बनाकर राजस्व प्राप्त करना है।
आर्म्स लाइसेंस में बताई गड़बड़ी आर्म्स लाइसेंस को लेकर सिंह ने आरोप लगाया कि कोई भी सभ्रांत नागरिक लाइसेंस नहीं बनवा सकता है। कट्टा आसानी से बन जाता है। यह भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण बन गया है, कलेक्टर तक इसमें लिप्त पाए गए हैं। पूरे प्रदेश में 490 लाइसेंस बने हैं और 6 हजार से ज्यादा हथियार पकड़े गए हैं। इसे सहज करने की आवश्यकता है ताकि जरूरतमंद को लाइसेंस मिल सके।
एसीबी में जो पकड़ा जाए उसे बर्खास्त करो सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जीरो टोलरेंस की बात कही थी। आज बहुत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले उजागर होते हैं। औसतन एक दिन में एक केस से ज्यादा हआते हैं। मेरा सुझाव है कि एसीबी में जो पकड़े जाते हैं, उनको तत्काल बर्खास्त किया जाए। अगर उसे बचाव कुछ करना है तो वो अदालत में जाए। जो केसेज पांच साल में पकड़े गए, उनमें आधे से कम में चालान हुए, यह बात इसलिए कह रहा हूं।
साइबर एक्सपर्ट की सीधी भर्ती हो साइबर क्राइम को रोकने के लिए सिंह ने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती की जाए। कांस्टेबल को भी ट्रेनिंग दी जाए, यह आने वाले समय में चुनौती बनेगा।