उच्च न्यायालय ने एक मामले में गृह निर्माण सहकारी समितियों की कॉलोनियों में भूखंडों पर कब्जे होने, दुबारा पट्टे जारी करने सहित अन्य फर्जीबाड़े के मुद्दे पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। सुनवाई के दौरान सामने आया था कि पुलिस ने एक जनवरी 2005 से 30 मई 2017 तक भूखंड धोखाधड़ी के कुल 2476 मुकदमे दर्ज किए जिनमें 1716 में एफआर लग गई और 382 में चार्जशीट दायर हो गई। जिसके बाद न्यायालय ने सहकारिता विभाग और पुलिस आयुक्त को शपथपत्र पेश करने का आदेश दिया।