औषधी केंद्र खोलने के लिए पीएमबीआई की वेबसाइट पर आवेदन करने से पहले यह खबर जरूर पढ़ लें। क्योकि आपकी गाढ़ी कमाई पर अब ठगों की नजर है।
भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने वालों पर ठगों ने नजर गढ़ा ली है और जन औषधि के मिलते जुलते नामों से आधा दर्जन से अधिक वेबसाइट बना ली है। जिससे अपना व्यापार शुरू करने वालों का ठग पैसा लूट सकें।
यही कारण है कि फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया पीएमबीआई ने फर्जी वेबसाइटों को लेकर अलर्ट जारी किया है। पीएमबीआई जिसे पहले ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया,बीपीपीआई के नाम से जाना जाता था। यह प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना पीएमबीजेपी की कार्यान्वयन एजेंसी है। एजेंसी के सामने ऐसे कई मामले आए है जिसमें कुछ लोग नकली वेबसाइट बनाकर ठगी करने का प्रयास कर रह है।
यह ठग धोखाधड़ी के मकसद से फर्जी खाता, लेटर हेड और अन्य भ्रामक जानकारियां देकर जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कम से कम 5 हजार रुपए या उससे ज्यादा के धनराशि की मांग कर रहे हैं।
ऐसे में पीएमबीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इन नकली वेबसाईटों के होम पेज,नाम जो जन औषधी की वेबसाइट से मिलते जुलते हैं,इन नकली वेबसाईट्स से सतर्क रहने और धनराशि नहीं देने को लेकर अलर्ट जारी किया है।
पीएमबीआई ने धोखाधड़ी से सावधान रहने और नकली वेबसाइटों को लेनदेन नहीं करने को कहा है। आवेदनकर्ताओं को किसी भी तरह के लेनदेन से पहले टॉल फ्री नंबर से जानकारी लेकर ही कोई भी कॉमर्शियल ट्राजेक्शन करने को कहा है।
सरकार कर रही आम लोगों की कमाई बढ़ाने की तैयारी
आम लोगों की कमाई बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी की है। जिसके तहत भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे है। कोई भी अपने गांव या शहर में जन औषधि केंद्र खोलकर कमाई करना चाहता हैं तो सरकार ने उन बेरोजगारों को खुद का व्यापार शुरू करने का यह मौका दिया है।
सरकार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांग रही है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 406 जिलों के 3 हजार 579 उपखंड में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे है।
सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10 हजार 500 करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी के तहत यह औषधी केद्र खोले जा रहे है। औषधी केंद्र का जिम्मा फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया पीएमबीआई को दिया गया है।