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नए साल में जंजीरों से आजाद हुई ‘ममता‘, परिजनों ने 10 साल से बांध रखा था जंजीरों से

locationजयपुरPublished: Jan 02, 2018 02:26:17 pm

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

परिजनों को अब उम्मीद बंधी है कि ममता ठीक होकर पहले ही तरह घर के आंगन की रौनक बनेगी…

mamta
जयपुर। इलाज के अभाव में 10 साल से अपनी बेटी को परिजनों ने जंजीरों में जकड़ रखा था। उम्मीद ही छोड़ दी थी कि वह ठीक हो पाएगी लेकिन नया साल परिजनों के लिए नया सवेरा लेकर आया। उनकी बेटी इलाज के लिए चूरू से जयपुर आई है। परिजनों को अब उम्मीद बंधी है कि ममता ठीक होकर पहले ही तरह घर के आंगन की रौनक बनेगी।
इलाज के लिए जयपुर लाई गई ममता

सामाजिक अन्वेषण एवं शोध संस्था की टीम मंगलवार को चूरू पहुंची और ममता की जंजीरें खोलीं। इलाज के लिए जयपुर लाई और राजकीय मनोचिकित्सालय में भर्ती कराया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सोनी ने बताया कि चूरू के देवेंद्र जोशी ने फेसबुक पर ममता के बारे में जानकारी दी थी। ममता के परिजनों के अनुसार 4-5 साल की उम्र में उसे दौरे आए थे। तीन-चार माह तक इलाज कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ।
नि:शुल्क इलाज का प्रावधान
संस्था स्कूली बच्चों को प्रशिक्षण भी दे रही है। संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि अब तक 6 स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के बारे में समझाया गया। साथ ही कहा गया कि ऐसा मामला सामने आए तो तुरन्त संबंधित व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल भेजें। इस अधिनियम के तहत ऐसे लोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है।

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