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पैंथर को पकडऩे में नाकाम वनकर्मी, आठ घंटे घर में दुबका रहा पैंथर

locationजयपुरPublished: Mar 24, 2020 02:34:26 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

आठ घंटे घर में दुबका रहा पैंथरएक ग्रामीण को घायल कर भागाराजसमंद के फतेहपुर पंचायत में बोरू की भागल की घटना
पैंथर को पकडऩे में नाकाम वनकर्मीगुस्साए ग्रामीण पुलिस पर बिफरे

पैंथर को पकडऩे में नाकाम वनकर्मी, आठ घंटे घर में दुबका रहा पैंथर

पैंथर को पकडऩे में नाकाम वनकर्मी, आठ घंटे घर में दुबका रहा पैंथर

राजसमंद के खमनोर क्षेत्र की फतहपुर पंचायत की बोरू की भागल में घुसे पैंथर को पकडऩे में वन विभाग के कर्मचारी नाकाम रहे। पैंथर ने एक ग्रामीण को भी घायल कर दिया। पैंथर को पकडऩे नाकाम रहे वनकर्मी मौके से निकल गए जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर अपना गुस्सा निकाला।
जानकारी के मुताबक बौरू की भागल में घुसे पैंथर ने एक ग्रामीण के घर में घुस कर बकरी का शिकार कर लिया। बकरी की आवाज पर परिवार का मुखिया जगा तब तक पैंथर घर में रखी घास के अहाते में दुबक गया। मुखिया ने दहशत में परिवार के सभी लोगों को जगाया और घर से बाहर निकल गए। सुबह होने पर घर के बाहर बड़ी तादाद में ग्रामीणों का मजमा लग गया। वन विभाग उदयपुर.राजसमंद के कर्मचारी और खमनोर थाना, मचींद चैकी के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे लेकिन उनसे न तो हालात संभले और न ही वह पैंथर को पकडऩे में कामयाब हो सके। घर के आसपास जमा भारी भीड़ के बीच बड़ी देर तक केवल तमाशा लगा रहा और अंत में पैंथर जैसे ही घर से निकलकर बाहर की तरफ भागा। पीछे पीछे ग्रामीण भी दौड़ पड़े। संघर्ष के हालात बने तो पैंथर ने एक ग्रामीण को घायल कर दिया और फिर जंगल में भाग गया। पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने गन लेकर खड़े उदयपुर के शूटर, नजरें गड़ाए वनकर्मी और भीड़ संभालने के लिए तैनात पुलिसकर्मी सभी हाथ मलते रह गए। पलक झपकते ही पैंथर आंखों से ओझल हो गया। पैंथर के भागते ही वन विभाग के कर्मचारी मौके से तुरंत रवाना हो गए। घंटों तक घर में दुबके रहने के बावजूद पैंथर को पकड़ने में नाकामी और एक के घायल हो जाने का गुस्सा अचानक पुलिस पर टूट पड़ा। ग्रामीण पुलिस पर बुरी तरह बिफर पड़े और उन्हें जम कर खरी खोटी सुनाई।
बकरी का शिकार, मालिक बाल बाल बचा
आपको बता दें कि बोरू की भागल में अंबाव सिंह के घर में तड़के तकरीबन सवा तीन बजे पैंथर घुसा। बकरी का शिकार कर घास में छुप गया। सुबह साढ़े नौ बजे वनकर्मियों, पुलिस के आने के बावजूद यह देखने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पा रहा था कि पैंथर कहां छुपा है। अंतत: मालिक ढूंढने अंदर गया तो पैंथर उसके ऊपर कूदकर बाहर निकल गया। हालांकि उसको खरोंच भी नहीं आई।
ग्रामीण दौड़े तो वापस मुड़ा, एक पर हमला बोला
अंबावसिंह के घर से निकला पैंथर जंगल की ओर भागने लगा। गली में खड़े ग्रामीण पीछे भागे तो पैंथर ने मुड़कर हमला बोल दिया और गली में खड़े देवीसिंह पर लपका। पैंथर ने उसकी दाईं बांह पर पंजा मारा। वह लहुलुहान हो गया।
किवाड़ खोला, पटाखे छोड़े
पैंथर को बाहर निकालने के लिए दरवाजा खोला। पटाखे छोड़े फिर भी काफी देर तक बाहर नहीं निकला। सभी ने समझा कि पीछे के रास्ते भाग गया, लेकिन पैंथर वहीं घास की आड़ में लकड़ी की ताक पर दुबका रहा। शूटर सतनामसिंह ट्रेंकुलाइजर गन लिए पास के मकान की छत पर पैंथर के बाहर निकलने की इंतजार में खड़े थे। शूटर को पैंथर के इतनी तेज गति से निकलने का अंदाजा ही नहीं था। शूटर को निशाना लगाने का मौका ही नहीं मिला।
घायल को सरपंच ले गए अस्पताल
पैंथर के हमले में घायल देवीसिंह की सुध लेने विभाग को कोई कर्मचारी नहीं रुका। बाद में सरपंच जगन्नाथ डागलिया ने अपनी गाड़ी में बिठाया और पांच किलोमीटर दूर मचींद सीएचसी लेकर गए। यहां उसका प्राथमिक उपचार कराया और फिर घर छोड़ा। पूरे घटनाक्रम को लेकर वन अधिकारी, नाथद्वारा रेंज राजेश कुमार मेहता का कहना था कि जहां पैंथर छुपा था, वहां ट्रंकुलाइज कर पाने की स्थिति नहीं थी। हमने पूरी कोशिश की थी। मना किया, फिर भी घर और खेतों में लोग जमा हो गए। पैंथर ने एक को व्यक्ति घायल भी कर दिया।

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