बेकार गए परिजनों की तलाशी के प्रयास
दरअसल, शनिवार रात कोई अज्ञात व्यक्ति ढाई वर्षीय मासूम को एक थैले में रखे कपड़ों के साथ छोड़कर चला गए। तड़के करीब 4 बजे मासूम के रोने की आवाज सुनकर नागरिक उसके पास पहुंचे। रोती हुई बच्ची के पास घंटों तक किसी परिजन के नहीं पहुंचने पर नागरिकों ने रेलवे स्टेशन मास्टर, मेड़ता सिटी थाना और रेलवे पुलिस को सूचना दी। मेड़ता सिटी थाना पुलिस ने लावारिस बच्ची को कब्जे में लिया। जीआरपी पुलिस के पहुंचने पर लावारिस बच्ची के परिजनों की तलाशी के प्रयास किए गए। बच्ची को देखने सुबह 7 बजे बाद मेड़ता सिटी रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में नागरिक पहुंचने लगे। बच्ची के पास एक बैग रखा हुआ था, जिसमें एक कंबल, एक जोड़ी कपड़े, एक बिस्किट का पैकेट, एक बोतल, तेल की शीशी-कंघी मिली है।
दरअसल, शनिवार रात कोई अज्ञात व्यक्ति ढाई वर्षीय मासूम को एक थैले में रखे कपड़ों के साथ छोड़कर चला गए। तड़के करीब 4 बजे मासूम के रोने की आवाज सुनकर नागरिक उसके पास पहुंचे। रोती हुई बच्ची के पास घंटों तक किसी परिजन के नहीं पहुंचने पर नागरिकों ने रेलवे स्टेशन मास्टर, मेड़ता सिटी थाना और रेलवे पुलिस को सूचना दी। मेड़ता सिटी थाना पुलिस ने लावारिस बच्ची को कब्जे में लिया। जीआरपी पुलिस के पहुंचने पर लावारिस बच्ची के परिजनों की तलाशी के प्रयास किए गए। बच्ची को देखने सुबह 7 बजे बाद मेड़ता सिटी रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में नागरिक पहुंचने लगे। बच्ची के पास एक बैग रखा हुआ था, जिसमें एक कंबल, एक जोड़ी कपड़े, एक बिस्किट का पैकेट, एक बोतल, तेल की शीशी-कंघी मिली है।
सोशल मीडिया पर भी बालिका की फोटो पोस्ट की गई
जीआरपी मेड़ता रोड थानाधिकारी हरिराम ने बताया कि रविवार दोपहर रेल प्रशासन व यात्रियों की सूचना पर जीआरपी मेड़ता सिटी रेलवे स्टेशन पहुंची, तब तक बालिका यात्रियों के पास थी। उसे मेड़ता रोड लाया गया। सोशल मीडिया पर भी बालिका की फोटो पोस्ट की गई, लेकिन परिजनों का सुराग नहीं लग सका।
जीआरपी मेड़ता रोड थानाधिकारी हरिराम ने बताया कि रविवार दोपहर रेल प्रशासन व यात्रियों की सूचना पर जीआरपी मेड़ता सिटी रेलवे स्टेशन पहुंची, तब तक बालिका यात्रियों के पास थी। उसे मेड़ता रोड लाया गया। सोशल मीडिया पर भी बालिका की फोटो पोस्ट की गई, लेकिन परिजनों का सुराग नहीं लग सका।
शिशु गृह भेज दी गई बच्ची आखिर नागौर बाल कल्याण समिति को सूचना दी गई, जिस पर नागौर से ग्रीनवेल चिल्ड्रन सोसायटी के सदस्य धर्मेन्द्र, हेमसिंह व परामर्शदाता सपना टाक मेड़ता रोड पहुंचे, जहां से बच्ची को अपनी देखरेख व संरक्षण में लेकर नागौर आए और यहां जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कुंदनसिंह आचीणा के निवास पर पेश किया। समिति अध्यक्ष ने उसे शिशु गृह भेजने के आदेश दिए।