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Farmer Accidental Insurance: ठगा गया अन्नदाता, 18 लाख किसानों से 30 करोड़ वसूले, फिर दिखाया अंगूठा

locationजयपुरPublished: May 18, 2019 04:47:29 pm

सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों के साथ बैंक ने ही धोखाधड़ी कर दी। राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव (अपेक्स) बैंक ने (Farmer Accidental Insurance) किसान दुर्घटना बीमा के नाम पर प्रत्येक किसान से 188 रुपए ले लिए।

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फिर ठगा गया अन्नदाता, 18 लाख किसानों से बीमे के नाम पर 30 करोड़ वसूले, क्लेम के समय दिखाया अंगूठा

जयपुर. सहकारी बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों के साथ बैंक ने ही धोखाधड़ी कर दी। राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव (अपेक्स) बैंक ने दुर्घटना बीमा ( farmer Accidental Insurance) के नाम पर प्रत्येक किसान से 188 रुपए ले लिए। करीब 18 लाख किसानों से 30 करोड़ रुपए एकत्र कर निजी बीमा कम्पनी को थमा दिए। एक साल बाद की स्थिति यह है कि 21 करोड़ के क्लेम किए गए लेकिन बीमा कम्पनी ने कोई क्लेम पास नहीं किया। सरकारी बीमा कम्पनी से छीनकर बीमा का यह जिम्मा अपेक्स बैंक ने चुनावी वर्ष में एक निजी कम्पनी को दिया था। अब पीडि़त किसान क्लेम के लिए कम्पनी और बैंकों के यहां चक्कर लगा रहे हैं।
अपेक्स बैंक ऋण लेने वाले किसानों का पहले 50 हजार रुपए का बीमा करता था। गत सरकार ने इसे बढ़ाकर पहले 5 लाख और अन्तिम वर्ष में 10 लाख रुपए कर दिया। बीमा का जिम्मा सरकारी कम्पनी को दिया जाता था लेकिन 10 लाख का बीमा तय होने के बाद सरकारी कम्पनी की बजाय निजी कम्पनी को जिम्मा दे दिया। राजस्थान सहकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में पहली बार पूरा प्रीमियम किसान से ही लिया गया। प्रति किसान 188 रुपए लिए गए। बैंक ने अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले किसानों के लिए 16 अप्रेल 2018 को निजी बीमा कम्पनी से समझौता किया। इसमें किसानों का 10 लाख तक का बीमा किया गया। मृत्यु या 2 अंग से अपंग होने पर 10 लाख, एक अंग से अपंग होने पर 5 लाख रुपए देना तय हुआ। बीमा के लिए 18 लाख किसानों के खाते से प्रीमियम काटा गया। यह राशि कम्पनी को सौंप दी गई। करीब 30 करोड़ रुपए कम्पनी को दिए गए।

किसानों ने मांगा क्लेम तो दिखा दिया अंगूठा

बीमा के मुताबिक किसानों ने क्लेम मांगा लेकिन कम्पनी ने नियम-कानून का बहाना कर क्लेम अटका दिए। सालभर में एक भी क्लेम पास नहीं किया। सर्वाधिक दावे नागौर जिले से आए। वहां 21 किसानों ने 2.10 करोड़ का दावा किया। अलवर से 16, बाड़मेर से 18, बूंदी से 19, झालावाड़ से 14 तथा पाली से 16 दावे आए। कुल 216 किसान परिवारों ने 21 करोड़ के दावे किए लेकिन एक साल में कम्पनी ने किसी भी दावे का निस्तारण नहीं किया। कुछ जिलों में बैंकों ने भी लापरवाही बरती। बांसवाड़ा, भरतपुर, धौलपुर, डूंगरपुर, जैसलमेर, जालौर, सवाईमाधोपुर व करौली जिलों के सीसीबी ने किसानों के क्लेम कम्पनी तक पहुंचाए ही नहीं।

यह है स्थिति
(इनमें पांच जिले शामिल नहीं है)

– बीमित किसानों की संख्या : 1529621
– किसानों से ली गई प्रीमियम राशि : 2868.43 लाख

– एक साल के दौरान बीमा कम्पनी को भेजे गए दावे : 216
– एक साल के दौरान भेजे गए दावों की राशि : 2155 लाख
– कम्पनी की ओर से भुगतान किए गए दावे : 0

हां, अभी तक किसी भी किसान का क्लेम पास नहीं हुआ। किसान दुर्घटना बीमा के बारे में ( Farmer Accident insurance Scheme ) वस्तुस्थिति पता लगाई जाएगी।
– नीरज के. पवन, रजिस्ट्रार, सहकारी समितिया

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