छूट खत्म मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट मार्केटिंग बोर्ड के नियमों के अनुसार दूसरे राज्य से प्रदेश में चीनी लाकर बीस दिन में खपत करने पर टैक्स नहीं देना पड़ता था। बोर्ड ने बीस दिन की सीमा खत्म कर टैक्स के नियम लागू कर दिए। इसके विरुद्ध व्यापारी कोर्ट में चले गए। 2005 के बाद से टैक्स का मामला ऐसा ही चलता रहा और सरकार को हर साल करीब सौ करोड़ टैक्स चपत लगती रही। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन व्यापारी नहीं जीत सके। अब सरकार को निर्णय करना है कि टैक्स वसूले या नहीं।
प्रभु लाल सैनी, कृषि मंत्री चीनी व्यापारी सब जगह से हार गए हैं। कर चोरी जो भी की है वो तो उनको देनी ही चाहिए। व्यापार संघ की कर कम करने की मांग आई है। उस पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है।
सभी से हो कर वसूली बाबू लाल गुप्ता, अध्यक्ष, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ चीनी पर मंडी टैक्स से सरकार के करीब 180 करोड़ रुपए आने चाहिए, लेकिन आते हैं मात्र 40 करोड़ रुपए। इसकी सबसे बड़ी वजह मंडी के बाहर काम होना है। ऐसे में मंडी व्यापारियों पर ज्यादा मार पड़ रही है। सरकार को सभी से कर वसूल करना चाहिए।