प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति का मसला एक साथ दो जगह प्रदर्शन
एक ने 22 गोदाम तो दूसरे ने शहीद स्मारक पर दिया धरना
रेसला ने की अनुपात बदले जाने की मांग तो रेसा कर रहा अनुपात यथावत रखने की मांग
मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि से रेसला के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता असफल
प्रदेशाध्यक्ष मोहन सिहाग ने धरनास्थल पर पहुंचकर किया आमरण अनशन का ऐलान

प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति के मामले को लेकर दो शिक्षक संगठन अब आमने सामने हो गए हैं। व्याख्याताओं से जुड़ा संगठन राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसला जहां अनुपात में बदलाव की मांग कर रहा है वहीं हैडमास्टर से जुड़ा संगठन राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसा अनुपात यथावत रखने की मांग कर रहा है। रेसला के पदाधिकारियों ने प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति में व्याख्याता और प्रधानाध्यापकों का अनुपात 80: 20 किए जाने की मांग को लेकर पिछले पांच दिन से धरने पर बैठे व्याख्याताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रतिनिधि से रेसला के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता असफल रहने के बाद रेसला के प्रदेशाध्यक्ष मोहन सिहाग ने आमरण अनशन शुरू करने का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अब जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी हम आमरण अनशन समाप्त नहीं करेंगे।
इससे पूर्व शुक्रवार को प्रदेश भर से आए व्याख्याता 22 गोदाम पर जुटे और अपनी मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। उनका कहना था कि नियम संशोधन की यह फाइल सभी विभागों कार्मिक, वित्त, विधि तथा लोक सेवा आयोग से मंजूरी व टिप्पणी के बाद कैबिनेट में चली गई थी लेकिन ऐनवक्त पर डैफर कर दिया गया जबकि हमारी मांग व्यवहारिक व न्यायोचित मांग है जिसे सरकार को शीघ्र ही पूरा करना होगा। संघर्ष समिति के सहसंयोजक व प्रांतीय मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर अशोक जाट ने बताया कि प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति का 67:33 का पूर्व में चला आ रहा अनुपात वर्तमान में अव्यवहारिक हो चुका है क्योंकि जब यह किया गया था तब व्याख्याता 23000 व प्रधानाध्यापक 9000 थे इसलिए अनुपात 67:33 व्यवहारिक था लेकिन वर्तमान में व्याख्याताओं की संख्या 54000 व प्रधानाध्यापक की संख्या 3200 है इसलिए पदोन्नति वर्तमान अनुपात में दी जाए। वहीं विधायक बलवान पूनिया भी इस धरने में शामिल हुए और कहा कि रेसला की मांगों को वह विधानसभा में रखेंगे। सरकार को रेसला की मांग को हर हाल में मानना होगा।
इधर अनुपात यथावत रखने की मांग
वहीं दूसरी तरफ राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसा के बैनर तले शिक्षा अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर धरना दिया और अनुपात 67: 33 ही यथावत रखने की मांग की। रेसा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राधेश्याम जाट ने कहा कि वर्तमान अनुपात का यथावत रखा जाए। इसके अतिरिक्त संघ ने प्रधानाचार्य के 25 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती करने, डीईओ केपद पर
पदोन्नति में अनुभव की शर्त हटाने की भी मांग की।
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