खरीद शुरू होते ही संकट शुरू कोटा में 14 मार्च से खरीद शुरू हुई तो अधिकतम खरीद 25 क्विंटल तय कर दी गई। एेसे में किसान अपनी उपज को बाजार में कम दाम में बेचने को मजबूर हैं। सरकार ने दावा किया है कि यह सीमा एक बार के लिए तय की गई है। पंजीयन किए सभी किसानों की फसल खरीदने के बाद दूसरा राउंड आने पर किसान दुबारा पंजीयन करा सकता है। लेकिन कुछ दिन पहले हुई मूंग खरीद में भी ऐसा ही हुआ था। वहां एक बार फसल बेचने के बाद किसान दूसरे राउंड का इंतजार कर रहे थे कि पहला राउंड पूरा होने से पहले ही खरीद बंद कर दी थी।
समर्थन मूल्य समर्थन मूल्य सरसों के लिए 4000 तथा चना 4400 रुपए प्रति सौ किलो घोषित किया है। इसके विपरीत बाजार में चना 34 सौ से 35 सौ तथा सरसों 36 सौ रुपए के हिसाब से बिक रही है।
राजफैड प्रबंधक वीना प्रधान ने कहा खरीद के लिए 25 क्विंटल की सीमा तय है। इसे बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार को लिखा गया है। मौसम का साथ तो सरकार दे रही धोखा
खरीद के लिए सबसे पहले कोटा क्षेत्र में कांटे लगाए गए हैं। राजफैड के माध्यम से यह खरीद की जा रही है। इस वर्ष कोटा सम्भाग में मौसम ने किसानों को साथ दिया है। अन्य वर्ष के मुकाबले यहां चने की उपज अच्छी रही है। कृषि विभाग के अनुसार यहां 1 लाख 48 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में चने की फसल बोयी गई थी। प्रथम अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 2 लाख 24 हजार 161 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ है।
2 अप्रेल से पूरे राज्य में होगी खरीद प्रदेश के अन्य क्षेत्र में 2 अप्रेल से खरीद शुरू होगी। खरीद के लिए सरसों के 178 एवं चने के 127 केन्द्र खोले गए हैं।