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सावरकर और जौहर के बाद अब किताबों में हुआ यह बड़ा बदलाव, बच्चों को पढ़ना होगा यह भी पाठ

locationजयपुरPublished: Jun 03, 2019 03:38:00 pm

कक्षा छह से 12 तक की पाठय पुस्तकों में होंगे पाठ

school class

सावरकर और जौहर के बाद अब​ किताबों में हुआ यह बड़ा बदलाव, बच्चों को जरूरी पढ़ना होगा यह भी पाठ

विकास जैन / जयपुर। प्रदेश में जल्द ही स्कूली पाठयक्रम में मौसमी बीमारियों की जानकारी भी शामिल कर ली जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ( health department ) ने पाठयक्रम की सामग्री तैयार कर इसे माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा विभाग ( education department ) को भेज दिया है। पाठयक्रम में मौसमी बीमारियों सहित सात विषय वस्तुएं शामिल की गई है। जिनमे डेंगू ( dengue ), मलेरिया ( malaria ), स्क्रब टाइफस ( scrub typhus ), स्वाइन फ्लू ( swine flu ), जीका वायरस ( Zika Virus ), लू तापघात और दस्त शामिल है। राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की ओर से उपलब्ध कराई गई इस सामग्री को निदेशक माध्यमिक शिक्षा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ( Directorate of Primary Education Bikaner ) को संदर्भ के लिए भेजा गया है।
यह सामग्री कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की पुस्तकों में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। हालांकि आगामी सत्र में इस सामग्री का शामिल किया जाना मुश्किल माना जा रहा है। इस सत्र की पाठय सामग्रियां स्कूलों तक भिजवाई जा चुकी है।
पाठय सामग्री का सार

— अपने वातावरण खान—पान और जीवन शैली को नियंत्रित रखें तो आनुवंशिक बीमारियों से बचा जा सकता है


— आनुवंशिक बीमारियों के अलावा कुछ बीमारियां वातावरण के प्रदूषित होने या स्वयं की साफ सफाई का ध्यान नहीं रखने से होती है
— प्रदूषित हवा से अस्थम व एलर्जी जैसे रोग होते हैं, खान—पान की गंदगी से दस्त, हैजा, हैपेटाइटिस आदि बीमारियां फैलती है


— आस पास के वातावरण की गंदगी से मच्छर, मक्खी, कीट, पतंगे आदि पैदा होते हैं, इन कीट पतंगों के पनपने से बरसात के बाद का मौसम तब वातावरण में नमी व गर्मी दोनों होते हैं, सबसे सही होता है, यह वातावरण की गंदगी में मौजूद बीमारियों व एक बीमार व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक कीटाणुओं को पहुंचाने में मदद करते हैं , इन सभी बीमारियों को आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखकर व स्वयं की साफ सफाई का ध्यान रखकर दूर रखा जा सकता है।
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