scriptखुद को मास्टरमाइंड इंटरनेट यूजर्स समझता है साइको कॉलर,पुलिस को चैलेंज कि वह उस तक नहीं पहुंच सकती थी | The Mastermind Internet user understands itself as a psycho caller | Patrika News

खुद को मास्टरमाइंड इंटरनेट यूजर्स समझता है साइको कॉलर,पुलिस को चैलेंज कि वह उस तक नहीं पहुंच सकती थी

locationजयपुरPublished: Jul 15, 2019 11:14:20 am

Submitted by:

HIMANSHU SHARMA

आरयू की महिला प्रोफेसर्स(RU) को कॉल करने वाले साइको कॉलर का पुलिस से सवाल,पहले बताए कि वह उस तक पहुंची कैसे

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जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय(Rajasthan University) की महिला शिक्षिकाओं(Female teachers) को अश्लील कॉल व मैसेज(Porn calls and messages) करने वाला साइको कॉलर(psycho-caller) खुद को मास्टरमाइंड(Master mind) इंटरनेट यूजर्स (internet user)समझता था। उसे खुद के मास्टर माइंड पर इतना विश्वास है कि वह पुलिस को बार बार चैलेंज कर रहा है वह उस तक किसी भी हाल में नहीं पहुंच सकती थी। हालांकि पुलिस ने नाबालिग साइको कॉलर को पकड़ने के बाद कोर्ट में पेश कर उसे बाल सुधार गृह भिजवा(juvenile home) दिया है। लेकिन यह साइको कॉलर जब तक पुलिस के पास था तो बस एक ही सवाल पुलिस से बार बार पूछ रहा था कि पुलिस उसे यह बताए कि वह उसको पकड़ने पहुंची कैसी। साइको कॉलर को आईडी पासवर्ड चुराने के बाद इंटरनेट यूज करने में अपने मास्टर माइंड इतना भरोसा था कि वह जो भी इंटरनेट के जरिए इंटरनेशनल कॉल कर रहा है और जो तरीका उसने महिला शिक्षिकाओं को परेशान करने के लिए अपनाया था वह बहुत सुरक्षित था। ऐसे में पुलिस उसे पकड़ने कैसे पहुंच गई।
पुलिस को कुछ बताने के बजाए खुद ही करता रहा सवाल
साइको कॉलर से जब पुलिस ने पूछताछ करनी चाही तो वह बिल्कूल भी नहीं घबराया। वह पुलिस के किसी भी सवाल पर सिर्फ चुप ही बैठा रहा। पुलिस कोई भी सवाल करती तो वह या तो चुप रहता या फिर पुलिस से ही उल्टा सवाल कर बैठता। साइको कॉलर पुलिस से बार बार बस यहीं पूछता रहा कि वह किसी भी सवाल का जवाब जब ही देगा तब पहले पुलिस उसे यह बताए कि वह उसे पकड़ने कैसे पहुंची। जब पुलिस ने उसे बताया तो वह उल्टा चैलेंज कर बैठा कि पुलिस आईपी एड्रेस ट्रेस कर उसे किसी भी हालात में नहीं पकड़ सकती थी।
सबूत मिटाने के लिए भी बनाया दबाव
हिसार की गुरू जम्बेशवर विश्वविद्यालय में इंफोनेट सेंटर के जिस असिस्टेंड ने पुलिस की साइको कॉलर को पकड़ने में मदद की उस पर गुरू जम्बेशवर विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों ने उसे पुलिस की मदद नहीं करने के लिए दबाव बनाया। यहां तक की उस हिसार विश्वविद्यालय के असिंटेंड पर वहां के शिक्षकों और कर्मचारियों ने सारे सबूत मिटाने के लिए अब तक वाईफाई का डाटा मिटाने के लिए भी प्रेशर बनाया। लेकिन 2015 में जब साइको कॉलर में अपनी सहपाठी छात्रा को कॉल किया था तो इसी असिस्टेंड के आइडी पासवर्ड चुराए थे। लेकिन यह असिस्टेंड दबाव में नहीं आया जिससे वहां विश्वविद्यालय के कर्मचारी काफी नाराज हुए।जब नाराज कर्मचारियों ने असिस्टेंड को खरी खोटी सुनाई तो उसने कह दिया कि अगर आपकी बहन बेटी के साथ कोई ऐसे कॉल कर परेशान करेगा तो क्या आप बर्दाश्त कर लेंगे।

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