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शांति के दूत जाना चाहते थे अशांत क्षेत्र में, बाड़मेर में रोका

locationजयपुरPublished: Feb 18, 2020 05:46:47 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

पदयात्रा पर निकला 12 बौद्ध भिक्षुओं का दल पाकिस्तान जाना चाहते था

 The messengers of peace wanted to go to the troubled region, stopped in Barmer

A group of 12 Buddhist monks set out on a padyatra wanted to go to Pakistan

मुनाबाव बॉर्डर से जाने की गृह मंत्रालय की इजाजत नहीं थी
बाड़मेर. थाइलैण्ड से पदयात्रा पर फ्रांस तक की १२००० किमी की दूरी तय करने के लिए रवाना हुए १२ बौद्ध भिक्षुआें के दल को सरहदी बाड़मेर जिले में सोमवार को रोक दिया गया। वे मुनाबाव बॉर्डर होकर पाकिस्तान में प्रवेश कर आगे का रास्ता तय करना चाह रहे थे लेकिन गृह मंत्रालय की इजाजत नहीं होने से रोक दिया गया। प्रशासन की समझाइश पर बौद्ध भिक्षु मान गए और यात्रा को अब इजाजत लेकरअटारी से करने का निर्णय लिया है।
थाइलैण्ड से बौद्ध भिक्षु दल के मुख्यिा पा सुथाम नाती धोम मांग के साथ रवाना हुआ। बौद्ध भिक्षुओं दल रविवार को बाड़मेर पहुंचा। यहां से इस दल के सोमवार को मुनाबाव होते हुए पाकिस्तान जाने की तैयारी थी लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी मिलने पर प्रतिबंधित क्षेत्र जसाई से पहले ही इनको रोक दिया गया। जहां उपखण्ड अधिकारी नीरज मिश्र ने बौद्ध भिक्षुओं से प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति व पाकिस्तान जाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय की इजाजत की जानकारी चाही तो अनुमति नहीं होने का तथ्य सामने आया। प्रशासन की समझाइश पर नियमानुसार इजाजत बात ही आगे जाने की बात कहते हुए बौद्ध भिक्षुओं का दल बाड़मेर में ही ठहर गया है। जानकारी अनुसार बौद्ध भिक्षुाओं ने अब अटारी के रास्ते पाकिस्तान जाने और इससे पहले भारत सरकार से इजाजत लेने की बात कही है।

विश्व शांति के लिए पदयात्रा
बौद्ध भिक्षु विश्व शांति यात्रा का संदेश देने के लिए रवाना हुए हैं। उनका कहना है कि विश्व में अशांति है इसलिए वे थाइलैण्ड, म्यामांर, भारत, पाकिस्तान होते हुए फ्रांस जाएंगे जो करीब १२ हजार किमी है। इससे पहले वे थाइलैण्ड से अमरीका की पदयात्रा कर चुके हैं।

बौद्ध भिक्षुओं के दल के बाड़मेर से मुनाबाव की तरफ जाने की जानकारी के बाद समझाइश की। उन्होंने अब इजाजत के बाद ही जाने का निर्णय किया है।

-अंशदीप, जिला कलक्टर बाड़मेर

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