किसान-व्यापारी आएंगे, अपने अनुभव बताएंगे अभियान में जड़ी-बूटियों की खेती में लगभग 500 किसान हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर चर्चा, बैठक और गोष्ठी होगी तो अपने-अपने अनुभव साझा किए जाएंगे। इन आयोजनों में औषधीय पौधों से संबंधित किसान, विशेषज्ञ, व्यापारी, उद्योग और अन्य हितधारक शामिल होंगे।
वर्ष 2000 से प्रयास में अपनी स्थापना के समय से ही एनएमपीबी देश में औषधीय पौधों के विकास के लिए काम कर रहा है। इस समय एनएमपीबी औषधीय पौधों के संरक्षण, खेती, अनुसंधान, विपणन और गुणवत्ता का संबद्र्धन कर रहा है।