नाले की जमीन खोजने में जुटा जेडीए
गौरतलब है कि वर्तमान में करतारपुरा नाला निजी भूमि पर बह रहा है, उसकी चौड़ाई निर्धारित करने में निजी खातेदार अड़चन पैदा कर रहे है। ऐसे में जेडीए लम्बे समय से नाले की जमीन खोजने में लगा है, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है। वजह साफ है कि नाले ने अपना रुख 1981 की बाढ़ में बदला था। उससे पहले नाला कहां पर बह रहा था उसका रिकॉर्ड रेवेन्यू विभाग से नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से लगातार उसे अतिक्रमण मुक्त करवाने और सफाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी वर्क के तहत पूर्व में करीब 125 करोड़ रुपए में नाले को पक्का किया जाना था।
दो किमी हिस्सा निजी भूमि पर
जानकारी के मुताबिक जेडीए ने 4.8 किमी करतारपुरा नाले की साफ-सफाई सहित अन्य कामों पर पूर्व में लाखों रुपए खर्च किए थे। करतारपुरा नाले से करीब एक लाख क्यूबिक मीटर कचरा उठाया गया। करतारपुरा नाला जयपुर-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन से शिप्रापथ तक बहता है। इस दूरी के बीच में करीब 5-6 स्थानों पर यह नाला प्राइवेट लैंड पर बह रहा है। करतारपुरा नाले की साफ-सफाई और डिमार्केशन पर करीब 125 करोड़ रुपए खर्च होने थे। करतारपुरा नाले की चौड़ाई करीब 100 फीट की जानी है। वर्तमान में यह नाला करीब 10 से 25 फीट की गहराई में बह रहा है।
गौरतलब है कि वर्तमान में करतारपुरा नाला निजी भूमि पर बह रहा है, उसकी चौड़ाई निर्धारित करने में निजी खातेदार अड़चन पैदा कर रहे है। ऐसे में जेडीए लम्बे समय से नाले की जमीन खोजने में लगा है, लेकिन उसे इसमें सफलता नहीं मिल पा रही है। वजह साफ है कि नाले ने अपना रुख 1981 की बाढ़ में बदला था। उससे पहले नाला कहां पर बह रहा था उसका रिकॉर्ड रेवेन्यू विभाग से नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से लगातार उसे अतिक्रमण मुक्त करवाने और सफाई में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी वर्क के तहत पूर्व में करीब 125 करोड़ रुपए में नाले को पक्का किया जाना था।
दो किमी हिस्सा निजी भूमि पर
जानकारी के मुताबिक जेडीए ने 4.8 किमी करतारपुरा नाले की साफ-सफाई सहित अन्य कामों पर पूर्व में लाखों रुपए खर्च किए थे। करतारपुरा नाले से करीब एक लाख क्यूबिक मीटर कचरा उठाया गया। करतारपुरा नाला जयपुर-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन से शिप्रापथ तक बहता है। इस दूरी के बीच में करीब 5-6 स्थानों पर यह नाला प्राइवेट लैंड पर बह रहा है। करतारपुरा नाले की साफ-सफाई और डिमार्केशन पर करीब 125 करोड़ रुपए खर्च होने थे। करतारपुरा नाले की चौड़ाई करीब 100 फीट की जानी है। वर्तमान में यह नाला करीब 10 से 25 फीट की गहराई में बह रहा है।