scriptडिजिटल साक्षरता को डिजिटल विशेषज्ञता में परिवर्तित करने की आवश्यकता | The need to convert digital literacy into digital expertise | Patrika News

डिजिटल साक्षरता को डिजिटल विशेषज्ञता में परिवर्तित करने की आवश्यकता

locationजयपुरPublished: Jun 29, 2021 06:23:02 pm

जब पिछले साल पहला लॉकडाउन ( lockdown ) लगाया गया, तो हमने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ देखभाल, संपर्क और संवाद का माध्यम चुना। इसके परिणामस्वरूप जब लॉकडाउन खत्म हुआ और उद्योगों ( industries ) ने काम करना शुरू कर दिया, हमें कर्मचारियों से अत्यधिक सहयोग मिला। हम न केवल उत्पादकता ( increase productivity ) प्राप्त करने में सफल हुए बल्कि लक्ष्य भी प्राप्त किए।

डिजिटल साक्षरता को डिजिटल विशेषज्ञता में परिवर्तित करने की आवश्यकता

डिजिटल साक्षरता को डिजिटल विशेषज्ञता में परिवर्तित करने की आवश्यकता

जयपुर। जब पिछले साल पहला लॉकडाउन लगाया गया, तो हमने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ देखभाल, संपर्क और संवाद का माध्यम चुना। इसके परिणामस्वरूप जब लॉकडाउन खत्म हुआ और उद्योगों ने काम करना शुरू कर दिया, हमें कर्मचारियों से अत्यधिक सहयोग मिला। हम न केवल उत्पादकता प्राप्त करने में सफल हुए बल्कि लक्ष्य भी प्राप्त किए, ये शब्द रतन अग्रवाल, हेड एचआर, हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड ने फिक्की राजस्थान राज्य परिषद द्वारा मानव संसाधन की बदलती भूमिका पर आयोजित वेबिनार में कहे। उन्होंने यह भी कहा कि अगले एक वर्ष के भीतर संगठनों में डिजिटल साक्षरता को डिजिटल विशेषज्ञता में परिवर्तित करने की आवश्यकता है और इसमें मानव संसाधन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
डॉ. अकील बसराय, पूर्व कार्यकारी निदेशक (एचआर) आईबीएम इंडिया सीईओ, अकील बसराय कंसल्टिंग ने कहा कि भविष्य में 2 लोग, 3 लोगों का काम करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि काम का बोझ बढ़ेगा, लेकिन अतिरिक्त कौशल बढ़ेगा और यहां एचआर लोगों को सक्रिय रूप से पहचानने और उन्हें फिर से कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही गिग कार्यबल भविष्य की जनशक्ति की आवश्यकता में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा, क्योंकि तब लोग अपनी शर्तों पर और एक ही समय में कई नियोक्ताओं के लिए काम करना चाहेंगे और यहां एचआर की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक योजनाएं छोटी होंगी और महिलाओं की संख्या नेतृत्व भूमिकाओं में बढ़ेगी ।
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड की एचआर एंड प्लानिंग हेड ज्योति सिंह ने कहा कि कोविड के दौरान कर्मचारियों जुड़ाव और संवाद का पूरा विचार बदल गया है और एचआर के लिए ये एक निरंतर चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। भविष्य में शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक, कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि एचआर को अब केवल नीतियों, नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करने के बजाय, कर्मचारियों को अधिक सहानुभूति और करुणा के साथ जोडऩा होगा। व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ अधिक आक्रामक रूप से योजनाबद्ध होना होगा।
डॉयचे बैंक के निदेशक रोहित मोगरा ने कहा कि महामारी के दौरान विकलांग लोगों, घरेलू महिलाओं और अन्य लोगों को उस जगह से काम करने का अवसर मिला, जहां वे सबसे अधिक आरामदायक हैं। उद्योग के लिए यह समाज के उस वर्ग के मानव संसाधनों को भी शामिल करने का एक अवसर था, जो कोवीड-19 के पहले घर के बाहर निकल कर काम करने में सक्षम नहीं थे।

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