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कांग्रेस की बाड़ाबंदी से संगठन की दूरी, सरकार ने संभाल रखी है सारी जिम्मेदारी

locationजयपुरPublished: Mar 16, 2020 02:06:00 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

पहले महाराष्ट्र, फिर मध्य प्रदेश और अब गुजरात। इन तीन प्रदेशों के कांग्रेस विधायकों की जयपुर में बाड़ाबंदी की गई। इस बाड़ाबंदी की जिम्मेदारी संगठन की होनी चाहिए थी, लेकिन सत्ता ने बाड़ाबंदी की पूरी जिम्मेदारी संभाल रखी है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं में अंदरूनी चर्चा है कि आखिर संगठन ने इस बाड़ाबंदी से दूरी क्यों बना रखी है।

कांग्रेस की बाड़ाबंदी से संगठन की दूरी, सरकार ने संभाल रखी है सारी जिम्मेदारी

कांग्रेस की बाड़ाबंदी से संगठन की दूरी, सरकार ने संभाल रखी है सारी जिम्मेदारी

जयपुर।

पहले महाराष्ट्र, फिर मध्य प्रदेश और अब गुजरात। इन तीन प्रदेशों के कांग्रेस विधायकों की जयपुर में बाड़ाबंदी की गई। इस बाड़ाबंदी की जिम्मेदारी संगठन की होनी चाहिए थी, लेकिन सत्ता ने बाड़ाबंदी की पूरी जिम्मेदारी संभाल रखी है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं में अंदरूनी चर्चा है कि आखिर संगठन ने इस बाड़ाबंदी से दूरी क्यों बना रखी है।
पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र के विधायक को जयपुर ठहराया गया था। करीब 9 दिन तक ये विधायक जयपुर में रहे, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट सहित संगठन का एक भी पदाधिकारी विधायकों के पास नहीं गया। इसी तरह मध्य प्रदेश के विधायक भी चार दिन तक रहे, लेकिन यहां भी सत्ता के नुमाइंदे ही विधायकों की सारसंभाल करते नजर आए। संगठन का कोई भी नुमाइंदा यहां नहीं पहुंचा। अब गुजरात के विधायक भी जयपुर में ठहरे हुए है, लेकिन इनके पास भी संगठन का आदमी हालचाल जानने नहीं गया।
महेश जोशी और महेंद्र चौधरी के हाथ कमान

मध्य प्रदेश और गुजरात के विधायकों की सार-संभाल का जिम्मा मुख्य सचेतक महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को सौंपा गया है। इनके अलावा विधायक रफीक खान और अमीन कागजी भी विधायकों की सार-संभाल में दिन रात एक किए हुए हैं। विधायकों की हर गतिविधि पर ये चारों नेता नजर रखे हुए हैं।
क्या आपसी खींचतान तो वजह नहीं

राजस्थान में सत्ता और संगठन के बीच चल रही खींचतान किसी से छुपी नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कानून व्यवस्था, कोटा जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत, पैराशूटी महापौर सहित कई मामलों पर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। यही वजह रही कि एआईसीसी ने सत्ता और संगठन के बीच तालमेल के लिए समन्वय समिति का गठन किया है। जो दोनों के बीच तालमेल बैठाएगी।
गहलोत ने संभाल रखी है कमान

एआईसीसी की ओर से भी सभी विधायकों की निगरानी की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दी है। गहलोत ने बखूबी सभी विधायकों को न केवल बयानबाजी से रोका, बल्कि सुरक्षित जयपुर में ठहराने के बाद उन्हें अपने प्रदेश भेजा। अब गुजरात के विधायकों की जिम्मेदारी भी गहलोत ने संभाल रखी है।
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