मामला चिकित्सा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर (स्त्री एवं प्रसूति रोग) के 37 पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2015 में जारी विज्ञप्ति के तहत चयन के लिए अपनाई गई प्रक्रिया से संबंधित था। हाईकोर्ट में आरपीएससी की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट मिर्जा फैसल बेग के अनुसार केवल साक्षात्कार के जरिए होने वाली नियुक्ति में ज्यादा अभ्यर्थी होने पर स्क्रीनिंग परीक्षा के आधार पर चयन प्रक्रिया अमल में ली जानी थी। अधिक तादाद में अभ्यर्थी होने से स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित कर कुल 114 उम्मीदवारों को पात्र घोषित कर साक्षात्कार के आधार पर 37 पदों पर नियुक्ति के लिए 18 मई 2017 को परिणाम घोषित किया गया था।