scriptसवालों में रिपोर्ट : फुटपाथ बदहाल, सड़कें फुल, फिर भी राहगीर कैसे सुरक्षित | The pavement is in disarray, the roads are full, yet how the passer is | Patrika News

सवालों में रिपोर्ट : फुटपाथ बदहाल, सड़कें फुल, फिर भी राहगीर कैसे सुरक्षित

locationजयपुरPublished: Jan 14, 2020 12:24:26 am

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

-दिल्ली में जारी रिपोर्ट में जयपुर को श्रेष्ठ बताया गया
-ट्रेफिक-ट्रांसपोर्ट मास्टर प्लान में फुटपाथ के निर्माण-सुदृढीकरण की जताई जरूरत

सवालों में रिपोर्ट : फुटपाथ बदहाल, सड़कें फुल, फिर भी राहगीर कैसे सुरक्षित

सवालों में रिपोर्ट : फुटपाथ बदहाल, सड़कें फुल, फिर भी राहगीर कैसे सुरक्षित

जयपुर। पैदल यात्रियों के लिए जयपुर को श्रेष्ठ शहरों में शामिल करने से जुड़ी रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं। ट्रेफिक और ट्रांसपोर्ट मास्टर प्लान के लिए शहर में चल रहे सर्वे की मौजूदा रिपोर्ट के आधार पर यह स्थिति बनी है। इस रिपोर्ट के तहत शहर में 80 किलोमीटर लम्बाई में फुटपाथ निर्माण व सुदृढीकरण की तत्काल जरूरत जताई गई है। खास यह है कि इसमें स्पष्ट किया गया है कि कई जगह फुटपाथ की स्थिति ठीक नहीं है, जिससे पैदल चलने वालों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। जबकि, एक निजी संस्था की ओर से तैयारी और केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री स्तर पर जारी रिपोर्ट में जयपुर शहर में फुटपाथ की स्थिति बेहतर मानी गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कौनसी रिपोर्ट धरातल पर रहकर बनाई गई है।

(1) ट्रेफिक और ट्रांसपोर्ट मास्टर प्लान रिपोर्ट में…
शहर के ज्यादातर चौराहों की डिजाइन वाहन फ्रेंडली बनाए गए हैं। इन चौराहों से वाहन तेजी से निकल सके, इसका ध्यान रखा गया है। ऐसे में राहगीरों की जान पर बन गई है। एक्शन प्लान रिपोर्ट में इस पर चिंता जताई गई है। साथ ही शहर के 80 प्रतिशत फुटपाथ की स्थिति ठीक नहीं है। इनका तत्काल दोबारा निर्माण या सुदृढीकरण की जरूरत मानी गई।
(2) ‘ईज ऑफ मूविंग इंडेक्स’ रिपेार्ट में…
पैदल यात्रियों के लिए जयपुर को देश के 20 बड़े शहरों में से सबसे बेहतर शहर माना गया। यहां राहगीरों के लिए 65 प्रतिशत जगह फुटपाथ हैं, जो अन्य शहरों से बेहतर स्थिति में है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एवं लोगों की सुगमता पर आधारित सर्वे में देश के बीस बड़े शहर पटना, मुंबई, जयपुर, दिल्ली, जम्मू, हैदराबाद, कोच्ची, कोलकाता, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, जबलपुर, भोपाल, चेन्नई, सूरत, बेंगलुरु को शामिल किया गया। एक निजी संस्था की ओर से रिपोर्ट तैयार की गई।
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर जोर, ताकि राहगीरों की राह आसान हो सके…
ट्रेफिक और ट्रांसपोर्ट मास्टर प्लान की रिपोर्ट में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर खास जोर दिया गया है। शहर के हर इलाके से सार्वजनिक परिवहन सेवा की कनेक्टिविटी होगी तो निजी वाहनों की संख्या घटेगी। इससे सड़क दुर्घटना और प्रदूषण दोनों मेंं भी कमी आएगी।
अभी परिवहन की यह है स्थिति
सार्वजनिक परिवहन–22 प्रतिशत
टैक्सी/कैब– 12 प्रतिशत
चौपहिया–8 प्रतिशत
दोपहिया–31 प्रतिशत
राहगीर- 11 प्रतिशत

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