(1) ट्रेफिक और ट्रांसपोर्ट मास्टर प्लान रिपोर्ट में…
शहर के ज्यादातर चौराहों की डिजाइन वाहन फ्रेंडली बनाए गए हैं। इन चौराहों से वाहन तेजी से निकल सके, इसका ध्यान रखा गया है। ऐसे में राहगीरों की जान पर बन गई है। एक्शन प्लान रिपोर्ट में इस पर चिंता जताई गई है। साथ ही शहर के 80 प्रतिशत फुटपाथ की स्थिति ठीक नहीं है। इनका तत्काल दोबारा निर्माण या सुदृढीकरण की जरूरत मानी गई।
पैदल यात्रियों के लिए जयपुर को देश के 20 बड़े शहरों में से सबसे बेहतर शहर माना गया। यहां राहगीरों के लिए 65 प्रतिशत जगह फुटपाथ हैं, जो अन्य शहरों से बेहतर स्थिति में है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एवं लोगों की सुगमता पर आधारित सर्वे में देश के बीस बड़े शहर पटना, मुंबई, जयपुर, दिल्ली, जम्मू, हैदराबाद, कोच्ची, कोलकाता, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, जबलपुर, भोपाल, चेन्नई, सूरत, बेंगलुरु को शामिल किया गया। एक निजी संस्था की ओर से रिपोर्ट तैयार की गई।
ट्रेफिक और ट्रांसपोर्ट मास्टर प्लान की रिपोर्ट में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर खास जोर दिया गया है। शहर के हर इलाके से सार्वजनिक परिवहन सेवा की कनेक्टिविटी होगी तो निजी वाहनों की संख्या घटेगी। इससे सड़क दुर्घटना और प्रदूषण दोनों मेंं भी कमी आएगी।
सार्वजनिक परिवहन–22 प्रतिशत
टैक्सी/कैब– 12 प्रतिशत
चौपहिया–8 प्रतिशत
दोपहिया–31 प्रतिशत
राहगीर- 11 प्रतिशत