स्थानीय पुलिस भी नहीं डालती हाथ पुलिस ने बताया कि यहां सांसी जाति का बोलबाला है, बाहरी लोगों को भी घुसने की अनुमति नहीं है। स्थानीय पुलिस भी यहां कार्रवाई से कतराती है। पुलिस जाती है तो पूरा गांव वाले एकत्र होकर पत्थर बरसाते है। पिछले दिनों बोड़ा थाना पुलिस पर इन ग्रामीणों ऐसे ही हमला कर दिया था।
दो गांव, तीन सौ वारंटी
यहां घर-घर में शराब बेची जाती है, जगह-जगह जुआं-सट्टे का धंधा धड़ल्ले से चलता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अपराधों में लिप्त हैं। इनका चोरी करना ही मुख्य पेशा बताया जाता है। इसीलिए दो गांवों में तीन सौ के करीब वारंटी हैं।
यहां घर-घर में शराब बेची जाती है, जगह-जगह जुआं-सट्टे का धंधा धड़ल्ले से चलता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अपराधों में लिप्त हैं। इनका चोरी करना ही मुख्य पेशा बताया जाता है। इसीलिए दो गांवों में तीन सौ के करीब वारंटी हैं।
5 से 10 लाख में लेते हैं बच्चे, सिखाते है चोरी पुलिस ने बताया कि गांवों के कुख्यात अपराधी वहीं के छोटे बच्चों को 5 से 10 लाख रुपए देकर 3 से 5 साल के लिए किराये पर लेते हैं और उनको चोरी करना सिखाते हैं। चोरी की ट्रेनिंग के बाद अलग-अलग राज्यों में भेज दिया जाता है। चोरी का माल बटोरकर ये फिर से अपने गांव लौट जाते हैं।
यूं करते है वारदात
बताया जा रहा है कि जयपुर के मैरिज गार्डन में लगातार जेवर-नकदी चोरी की बढ़ती वारदात की तहकीकात के दौरान यह सामने आया कि इनके पीछे बाल अपचारी हैं। पड़ताल की गई तो पता चला कि ये लोग मध्यप्रदेश से समूह में आते हैं। ये भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन की पार्किंग में ही रहते हैं। दिन में रैकी करते हैं। मैरिज गार्डन में शादियों की जानकारी जुटा, शाम को बच्चों को तैयार करके भेज देते हैं। उन्हें ताकीद किया जाता है कि माल चुराने के बाद रात तीन बजे तक तयशुदा स्थान पर पहुंच जाएं, नहीं आने पर गिरोह के सदस्य वहां से खिसक जाते हैं।
बताया जा रहा है कि जयपुर के मैरिज गार्डन में लगातार जेवर-नकदी चोरी की बढ़ती वारदात की तहकीकात के दौरान यह सामने आया कि इनके पीछे बाल अपचारी हैं। पड़ताल की गई तो पता चला कि ये लोग मध्यप्रदेश से समूह में आते हैं। ये भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन की पार्किंग में ही रहते हैं। दिन में रैकी करते हैं। मैरिज गार्डन में शादियों की जानकारी जुटा, शाम को बच्चों को तैयार करके भेज देते हैं। उन्हें ताकीद किया जाता है कि माल चुराने के बाद रात तीन बजे तक तयशुदा स्थान पर पहुंच जाएं, नहीं आने पर गिरोह के सदस्य वहां से खिसक जाते हैं।