scriptचेतावनी : इस गांव में पुलिस का जाना है वर्जित, देखते ही मारते हैं पत्थर | The police is in the village banned | Patrika News

चेतावनी : इस गांव में पुलिस का जाना है वर्जित, देखते ही मारते हैं पत्थर

locationजयपुरPublished: Mar 10, 2018 09:17:06 pm

पड़ताल करने एमपी पहुंची राजस्थान पुलिस को गांव वालों ने खदेड़ा

jaipur
अमित पारीक / जयपुर। राजधानी में मैरिज गार्डनों से चोरी के मामले बढऩे पर पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो इसके तार मध्यप्रदेश से जुड़े होने की बात सामने आई। खुलासा के लिए करनी विहार थाना पुलिस मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला स्थित कढिय़ा, बनखेड़ी गांवों में पहुंची तो वहां हालात देखकर बैरंग लौट आई। पुलिस वहां पहुंची तो ग्रामीणों ने गांव में घुसने नहीं दिया और उन्हें खदेड़ दिया। इसके चलते जयपुर पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। वहां से पांच किमी की दूरी पर बोड़ा पुलिस थाना है, लेकिन उन्होंने भी सहयोग नहीं किया। इसलिए वे वांछित बाल अपचारियों व परिजनों तक नहीं पहुंच पाए।
स्थानीय पुलिस भी नहीं डालती हाथ

पुलिस ने बताया कि यहां सांसी जाति का बोलबाला है, बाहरी लोगों को भी घुसने की अनुमति नहीं है। स्थानीय पुलिस भी यहां कार्रवाई से कतराती है। पुलिस जाती है तो पूरा गांव वाले एकत्र होकर पत्थर बरसाते है। पिछले दिनों बोड़ा थाना पुलिस पर इन ग्रामीणों ऐसे ही हमला कर दिया था।
दो गांव, तीन सौ वारंटी
यहां घर-घर में शराब बेची जाती है, जगह-जगह जुआं-सट्टे का धंधा धड़ल्ले से चलता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अपराधों में लिप्त हैं। इनका चोरी करना ही मुख्य पेशा बताया जाता है। इसीलिए दो गांवों में तीन सौ के करीब वारंटी हैं।
5 से 10 लाख में लेते हैं बच्चे, सिखाते है चोरी

पुलिस ने बताया कि गांवों के कुख्यात अपराधी वहीं के छोटे बच्चों को 5 से 10 लाख रुपए देकर 3 से 5 साल के लिए किराये पर लेते हैं और उनको चोरी करना सिखाते हैं। चोरी की ट्रेनिंग के बाद अलग-अलग राज्यों में भेज दिया जाता है। चोरी का माल बटोरकर ये फिर से अपने गांव लौट जाते हैं।
यूं करते है वारदात
बताया जा रहा है कि जयपुर के मैरिज गार्डन में लगातार जेवर-नकदी चोरी की बढ़ती वारदात की तहकीकात के दौरान यह सामने आया कि इनके पीछे बाल अपचारी हैं। पड़ताल की गई तो पता चला कि ये लोग मध्यप्रदेश से समूह में आते हैं। ये भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन की पार्किंग में ही रहते हैं। दिन में रैकी करते हैं। मैरिज गार्डन में शादियों की जानकारी जुटा, शाम को बच्चों को तैयार करके भेज देते हैं। उन्हें ताकीद किया जाता है कि माल चुराने के बाद रात तीन बजे तक तयशुदा स्थान पर पहुंच जाएं, नहीं आने पर गिरोह के सदस्य वहां से खिसक जाते हैं।
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