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जयपुर

राज्य में खान आवंटन की बदलेगी नीति, ये होगा बड़ा बदलाव

खान मंत्री प्रमोद जैन भाया संभाग स्तर पर माइंस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संवाद शुरू कर रहे है।

जयपुरSep 02, 2021 / 10:37 am

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जयपुर। खान मंत्री प्रमोद जैन भाया संभाग स्तर पर माइंस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ संवाद शुरू कर रहे है। कल बीकानेर में इनके प्रतिनिधियों से बात होगी। इसके साथ ही मंत्री विभागीय गतिविधियों की भी समीक्षा करेंगे। एसीएस डॉ.सुबोध अग्रवाल व खनन निदेशक केबी पंड्या भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे।
माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में खनिज खोज, खान ब्लाकों का चिन्हीकरण, आवंटन, नीलामी प्रक्रिया, खनन, खनिज परिवहन, राजस्व संग्रहण, अवैध खनन व परिवहन की रोकथाम, ऑनलाईन डाटा उपलब्धता आदि प्रक्रिया व व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाया जा रहा है। इसके लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को मध्यप्रदेश, ओडीसा, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के कानून कायदों और प्रक्रियाओं का अध्ययन कराया गया है। सीएम अशोक गहलोत और मंत्री भाया ने इस बारे में निर्देश दिए थे।
तुलनात्मक रिपोर्ट बनेगी—
अब चारों राज्यों में बजरी, मेजर मिनरल, माइनर मिनरल, नीलामी प्रक्रिया, खनिज परिवहन वाहनों की ट्रेकिंग व्यवस्था के प्रावधानों और जुर्माना राशि व उसकी वसूली व्यवस्था की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके अनुसार राज्य की आवश्यकता, उपयोगिता के अनुसार इसे लागू किया जा सके।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में बजरी को लेकर 2019 से अलग से नियम बनाए हुए हैं। इसी तरह से माइनर मिनरल में एक भी ऑक्शन नहीं होकर आवंटन की प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश प्रदेशों में राज्य के खनिज निगम की ओर से खोज कार्य भी किया जा रहा है। इसी तरह से अधिकांश प्रदेश खान क्षेत्र में एसबीआई केप जैसी बाहरी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यपद्रेश में प्री बिडिंग मीट आदि का आयोजन कर सीधा संवाद कायम किया जाता है जिससे अधिक नीलामी में अधिक राजस्व मिलने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि अन्य प्रदेशों की व्यवस्थाओं को राजस्थान के संदर्भ में परीक्षण कर निर्णय किया जाएगा।
निदेशक माइंस श्री केबी पण्डया ने बताया कि संबंधित का तुलनात्मक अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में छोटे ब्लॉक तैयार कर नीलामी की व्यवस्था भी है।
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