भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की तैयारियां पूरी हो गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर, इस्कॉन मंदिर, बांके बिहारी मंदिर को सजाया-संवारा गया है। श्रीकृष्ण का जन्मस्थान कंस के कारागार के रूप में नजर आएगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को कारगार का रूप दिया जा रहा है। जन्माष्टमी पर यहां कहीं अंधेरी छाया रहेगी तो कहीं सोते हुए पहरेदार दिखाई देंगे। इसे देखकर द्वापर युग का एहसास होगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सचिव कपिल शर्मा ने कहा कि 19 अगस्त की रात 11-12 बजे श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक होगा।
जामनगर जन्माष्टमी के मौके पर द्वारका नगरी भी कृष्णमय हो गई है। कोरोना के दो साल बाद श्रद्धालुओं में जन्माष्टमी को लेकर अपार उत्साह है। द्वारकाधीश मंदिर में शुक्रवार रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव शुरू होगा। यह रात ढाई बजे तक मनाया जाएगा। पूरे साल इसी दिन मंदिर ढाई बजे रात तक खुला रहता है। प्रशासन ने मंदिर परिसर में 1,200 जवानों तैनात किए हैं।
मुस्लिम कैदियों ने बनाई पोशाक
मथुरा जेल में मुस्लिम कैदियों ने ऑर्डर मिलने के बाद भगवान कृष्ण की पोशाक तैयार की। जेल अधीक्षक ब्रिजेश कुमार ने कहा, जिस तरह की पोशाक की मांग है, उसके लिए हमने शिक्षक रखा है। इस जेल से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं, क्योंकि कारागार को कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है।