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चुनाव की सियासी बिसात पर बागियों के तेवर

locationजयपुरPublished: Oct 19, 2020 09:49:47 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

अपने दल से मायूसी मिली तो निर्दलीय मैदान में उतरे

चुनाव की सियासी बिसात पर बागियों के तेवर

चुनाव की सियासी बिसात पर बागियों के तेवर


निकाय चुनाव की सियासी बिसात पर जीत.हार के दावों के बीच बागियों के तेवर भी देखने लायक हैं। अपने दल से मायूसी मिली तो नेताजी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। कहने का मतलब है चुनावी मौसम में खास पार्टी का जयकारा लगाने वाले प्रत्याशी अब बगावत का बिगुल फूंक चुके हैं।पहले जिस दल के लिए पसीने बहाते थे आज उनके खिलाफ ही चुनाव के मैदान में ताल ठोक रहे हैं। यह हालत केवल एक पार्टी की नहीं बल्कि दोनों ही प्रमुख पार्टियों की है। कांग्रेस और भाजपा के अपनी दावेदारी जता रहे कई प्रत्याशी टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में आज नामांकन भरने पहुंचे और पार्टी के टिकट वितरण को लेकर आक्रोश जताया।
टिकट नहीं मिला तो पत्नी को निर्दलीय उतारा
वार्ड नंबर 52 से विजय लक्ष्मी व्यास निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। इनके पति कांग्रेस में हैं, उनका कहना है कि हमारा टिकट दो दिन पहले तक फाइनल हो चुका था लेकिन टिकट नहीं मिला इसलिए अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हंू। वहीं उनके पति अनिल व्यास का कहना है कि वह कांग्रेस के जिला महासचिव रहे हैं, पार्टी ने वार्ड 52 से पैराशूट प्रत्याशी उतार दिया, ऐसे में प्रत्याशी को टिकट दिया गया है जिसे कोई नहीं जानता, हमें कहा जा गया आप घर बैठे, पार्टी ने गलत उम्मीदवार को टिकट देकर सभी समीकरण बिगाड़ दिए ऐसे में मुझे अपनी पत्नी को निर्दलीय चुनाव लड़वाना पड़ रहा है। हमें उम्मीद थी कि टिकट मिल जाएंगे तो वह विकास कार्य करवाएंगे। पार्टी ने न केवल 52 बल्कि 53 और 54 में भी टिकट के बंटवारे सही नहीं हुए, पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
भाजपा ने सही तरीके से नहीं किया टिकट वितरण
पार्टी ने सही तरीके से टिकट वितरण नहीं किया है। मैं वार्ड 138 से टिकट की दावेदार थी लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया गया, ऐसे में अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हूं। मेरी प्राथमिकता वार्ड का विकास रहेगी।
प्रिया यादव, वार्ड नंबर 138
निर्दलीय, भाजपा बागी
मेरे पिता कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं लेकिन मुझे पार्टी से टिकट नहीं मिला ऐसे में अब निर्दलीय ही चुनाव लड़ रही हूं। वार्ड का विकास ही मेरी प्राथमिकता रहेगी।
नाजजीन चौहान, वार्ड नंबर 56 हैरिटेज
10 साल से संघर्ष कर रहा था। कागजी अमीन कागजी के लिए लंबे समय से मेहनत की, जब उनको दोबारा टिकट मिला तब मैंने लिए दिनरात मेहनत की, मेरा टिकट फाइनल हो चुका था लेकिन अंतिम समय में भाजपा से बागी होकर पार्टी में आए प्रत्याशी को टिकट दे दिया गया। वार्ड में जिसे टिकट दिया गया है उसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस ने एक भी टिकट वितरण सही तरीके से नहीं किया।
मोहम्मद असलम कुरैशी
वार्ड नंबर 55, किशनपोल, हैरिटेज
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