scriptबढ़ रहा है गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा | The risk of infection spreading in villages is increasing | Patrika News

बढ़ रहा है गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा

locationजयपुरPublished: Mar 27, 2020 08:44:55 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 21 दिनों तक देशवासियों से अपने अपने घरों रहने तथा जो जहां हैं, वहीं रहने की अपील का असर जयपुर शहर में नजर नहीं आ रहा है। शहर की मुख्य सड़कों पर दिहाड़ी मजदूर, कामगार अपने परिजनों के साथ समूह में पैदल जाते नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस रोकती है, जब वे गांव जाने की बात कहते है तो उन्हें आगे जाने दिया जाता है। इससे कोरोना वायरस की चैन तोड़ने की कवायद कमजोर हो रही है, वहीं इन कामगारों के संक्रमित होने की स्थिति में यह बीमारी गांवों में फैलने की आशंका बनी हुई है

बढ़ रहा है गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा

जयपुर की झोटवाड़ा पुलिया से गुजरते कामगार-मजदूर

बढ़ रहा है गांवों में संक्रमण फैलने का खतरा
कामगार व दिहाड़ी मजदूरों का नहीं रूक रहा पलायन
शहर की सड़कों से समूहों में गुजर रहें है लोग
घर में रहने की अपील…इन पर बेअसर
जयपुर

जयपुर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 21 दिनों तक देशवासियों से अपने अपने घरों रहने तथा जो जहां हैं, वहीं रहने की अपील का असर जयपुर शहर में नजर नहीं आ रहा है। शहर की मुख्य सड़कों पर दिहाड़ी मजदूर, कामगार अपने परिजनों के साथ समूह में पैदल जाते नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि पुलिस रोकती है, जब वे गांव जाने की बात कहते है तो उन्हें आगे जाने दिया जाता है। इससे कोरोना वायरस की चैन तोड़ने की कवायद कमजोर हो रही है, वहीं इन कामगारों के संक्रमित होने की स्थिति में यह बीमारी गांवों में फैलने की आशंका बनी हुई है।
राजधानी की सड़कों पर जितने लोग अपने अपने गावों को जाते दिख रहे है। उनमें से ज्यादातर की स्क्रिनिंग तक नहीं की जा रही है। ऐसे में उनमें यदि कोई कामगार या मजदूर यदि संक्रमित हो चुका है तो उसके साथ जा रहे समूह तथा गांवों में जाकर लोगों को संक्रमित करने की आशंका बलवती होती जा रही है। इस तरह के पलायन से कोरोना की चैन तोड़ने की प्रधानमंत्री की मुहिम पर विपरीत असर पड़ रहा है, वहीं सरकार के सभी को भोजन पहुंचाने के दावों पर भी सवालिया निशान लग रहा है।
झोटवाड़ा पुलिया से गुजर रहे कामगारों और मजदूरों के एक समूह में शामिल कामगारों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि फैक्ट्री मालिक ने लॉकडाउन होने के बाद उन्हें काम पर आने से मना कर दिया। तब से वे अपने किराए के मकानों में रह रहे थे,लेकिन अब उनके पास खाने का सामान और पैसे खत्म हो चुके हैं। खाने के लाले पड़ गए हैं, कोई सहायता नहीं कर रहा है इसलिए ये आज पैदल ही अपने गांवों को निकल पड़े। इनके साथ महिलाएं और बच्चे भी थे। ये धौलपुर के जिले के विभिन्न गांवों के रहने वाले है। ऐसे ही समूह शहर से बाहर जानेवाली सभी मुख्य मार्गों पर दिख रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार इन्हें गांवों में पहुंचाने किे लिए साधन उपलब्ध कराए अथवा उनके रहने और भोजन की पुख्ता व्यवस्था करें।
इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने यह ऐलान किया है कि दिल्ली में जो भी लोग हैं, उनकी सुरक्षा और खाने पीने का जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों से आए हुए जो भी लोग हैं, उनमें जो कमजोर वर्ग के है, जिनके पास भोजन का संकट खड़ा हो गया है दिल्ली सरकार उनके भोजन व रहने की व्यवस्था करेगी। लेकिन राजस्थान में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। राजधानी जयपुर में सीकर रोड, दिल्ली रोड, आगरा रोड, टोंक रोड, अजमेर रोड पर कामगार व दिहाड़ी मजदूर समूहों में पैदल ही गांवों की ओर जाते दिखाई पड़तें हैं।
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