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सत्तापक्ष ने केंद्र की नीतियों पर साधा निशाना, विपक्ष ने मुद्दों के जरिए घेरा

locationजयपुरPublished: Feb 11, 2020 12:54:03 am

Submitted by:

manoj sharma

– राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस की शुरुआत

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जयपुर. विधानसभा में सोमवार से राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण पर बहस शुरू हुई। कांग्रेस की ओर से बहस की शुरुआत राजकुमार शर्मा ने की। शर्मा ने केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा। वहीं प्रतिपक्ष की ओर से उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सत्तापक्ष में टकराव, किसान, टिड्डी प्रकोप, और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरा।
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रोजगार देने से युवाओं की कमर मजबूत होगी : शर्मा

राज्यपाल के अभिभाषण पर सत्तापक्ष की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के विधायक राजकुमार शर्मा ने केंद्र सरकार, नोटबंदी और देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल खड़े किए। राज्य सरकार की ओर से एक साल में की गई भर्तियों और बेरोजगार भत्ते को युवाओं से जोड़ते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं से धोखा किया।
किस मुद्दे पर क्या कहा
1. राज्य सरकार ने सबसे पहले किसानों का कुल 7689 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया। इससे 20 लाख 26 हजार किसानों को फायदा मिला।

2. राष्ट्रीयकृत बैंकों की ऋणमाफी के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इस संंबंध में विपक्ष भी केंद्र सरकार से मदद की पहल करे और राज्यधर्म निभाए।
3. चार साल तक किसानों के लिए बिजली की दर में बढ़ोत्तरी नहीं करेंगे, यह वादा किया था।
4. जीडीपी का चार फीसदी तक स्वास्थ्य पर खर्च होता था लेकिन 2017 में केवल 1.15 फीसद खर्च हुआ, आखिर क्यों?
5. सूर्य नमस्कार करने से पीठ मजबूत नहीं होगी बल्कि रोजगार देने से होगी। हमारी सरकार ने जितनी सरकारी नौकरियां दी हैं, उससे तुलना करें तो केंद्र को बीस लाख नौकरियां देनी चाहिए।
6. आर्थिक पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र जारी करने के नियमों में छूट दी। नौकरियों के साथ स्कूल, कॉलेज में आरक्षण दिया।
7. वृद्धावस्था और विशेष योग्यजन की पेंशन बंद करने का उल्लेख करते हुए पिछली भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
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सत्ता के दो शक्ति केंद्र बने, कानून-व्यवस्था हुई पस्त : राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कर्जमाफी, प्रदेश की कानून-व्यवस्था और टिड्डी कुप्रबंधन पर सरकार को घेरा। राठौड़ ने डीजीपी की नियुक्ति और अपराध के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। कोटा के जेके लॉन अस्पताल के साथ संविधान के अनुच्छेद 164 का हवाला दिया। राठौड़ ने कहा कि मंत्री परिषद की सामूहिक जिम्मेदारी है लेकिन विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। राठौड़ ने सत्ता के दो केंद्र बताते हुए कहा, पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि पांच साल तक संघर्ष-आंदोलन से सत्ता मिली है। जबकि मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह सबकी पंसद से मुख्यमंत्री बने हैं। सत्ता के दो केंद्र होने की वजह से ही आलाकमान को समन्वय समिति तक बनानी पड़ी है।
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किस मुद्दे पर क्या कहा
1. वर्तमान सरकार के दोनों अभिभाषण में नियमों की पूरी तरह अवहेलना हुई है। पहला अभिभाषण छह दिन के नोटिस पर हुआ तो दूसरा केवल चार दिन की पूर्व जानकारी के बाद।
2. सत्ता के दो पावर पाइंट बताते हुए कहा कि चाहे क्रिकेट हो या नगरीय निकाय की हाईब्रिड चुनाव प्रणाली, इनके मामले में मंत्री और विधायक खुलकर बोले हैं। जबकि सामूहिक जिम्मेदारी है।
3. सचिन पायलट के बयान का हवाला देते हुए कहा कि सत्ता चलाना सामूहिक जिम्मेदारी है लेकिन यह सही है कि सत्ता आते ही अहंकार आ ही जाता है।
4. जेके लॉन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत का आंकड़ा देते हुए कहा कि जिम्मेदारी तय करने की बात हुई थी लेकिन विभाग के मंत्री और पीडब्लूडी मंत्री ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने की कोशिश की।
5. पूर्व मुख्यमंत्री राजे के लिए हवाई यात्राओं पर 50 करोड़ खर्च करने की बात करते हैं लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री 430 दिन के कार्यकाल में 168 बार हवाई यात्रा कर चुके हैं।
6. डीजीपी की नियुक्ति में नियमों की अवहेलना हुई। प्रदेश में हत्या, बलात्कार सहित दूसरे अपराध के आंकड़े बढ़ रहे हैं। नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है।

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