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बारिश के बाद तबाही का मंजर

locationजयपुरPublished: Sep 18, 2019 04:58:32 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

पांच दिन बाद बस्तियों से उतरा पानीतबाही का दिखा मंजरव्यापारियों ने संभाली दुकानेंव्यापारियों को करोड़ों का नुकसानबरसात के बाद तबाही का मंजरअन्न को नाली में बहायाघर के आंगन और पेड़ पर सुखाए कपड़े

 बारिश के बाद तबाही का मंजर

बारिश के बाद तबाही का मंजर

कोटा में चम्बल का रौद्र रूप धीरे.धीरे शांत हो रहा है। कोटा बैराज के गेट भी एक.एक कर बंद किए जा रहे हैं। इसके चलते पांच दिन बाद बस्तियों से सुबह पानी उतर गया। निचली बस्तियों में आई बाढ़ से हुई तबाही का मंजर साफ दिखाई दे रहा है। कोटा में चम्बल का पानी बस्तियों से उतरने लगा है लेकिन बरसात से हुई तबाही का मंजर साफ नजर आ रहा है। नयापुरा स्थित खाई रोड में भी पानी का उतर गया। व्यापारियों ने दुकानें संभालना शुरू किया है। दिनभर व्यापारी दुकानों की सफाई करते नजर आए। बाढ़ में किराना, बेकरी, गल्ले का सामान बह गया। व्यापारियों ने कहा कि बाढ़ का पानी इतना तेजी से चढ़ा कि सामान तक नहीं निकाल पाए। अचानक पानी से दुकानें डूब गई। दुकानों के अंदर दस.दस फीट तक पानी था। व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
पचास हजार रुपए पानी में भीगे
बाढ़ का पानी उतरने के बाद घर व दुकानें गंदगी व कीचड़ से सनी मिली। हालात यह हैं कि दुर्गंध के कारण यहां ठहरना तक मुश्किल हो गया है लेकिन लोगों की मजबूरी है कि उन्हें अपने घरों व दुकानों को संभालना है। लोगों ने घरों का सामन छतों पर सुखाया। कपड़ों को पेड़ों पर सुखाया। लोगों ने बताया कि पानी का वेग इतना था कि उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला। गांवड़ी निवासी पवन सैनी ने बताया कि अचानक बाढ़ का पानी घर में घुस गया। सामान निकालने तक का समय नहीं मिला। नए मकान बनाने के लिए 50 हजार का लोन लिया था। राशि अलमारी में रखी थी। वह दो दिन तक पानी में डूबने से खराब हो गई। गीले नोट की गड्डी छावनी में परिचित के यहां पर सुखाने के लिए भिजवाई। पलंग अलमारी व अन्य सामान खराब हो गया।
गांवड़ी निवासी मनोज कुमार डोर के साथ उनके भाई रणजीत, पंकज का पूरा परिवार रहता है। बाढ़ से उनके घर का सारा सामान तहस.नहस हो गया। रसोई में रखा सिलेण्डर नदी में बह गया। फ्रिजए टीवी, हाथ मशीन, कम्प्यूटर सब में पानी भर गया। रजाई.गद्दे रखने का बड़ा बक्सा था, वह भी पानी में तैर कर उल्टा हो गया। जगह की कमी के कारण घर.आंगन व पेड़ पर कपड़े सूखाने पड़े। तीन डबल बेड समेत अन्य घरेलू सामान खराब हो गया। बाढ़ का पानी घर में घुसने से घरेलू सामान के अलावा बच्चों की किताबें तक खराब हो गई। कुछ किताबों को बचाकर ऊपर आलमारी में रखा था, लेकिन पानी वहां भी पहुंच गया। बच्चों के पढऩे लायक तक किताबें नहीं बची। गेहूं भी बहकर नाली व सड़क पर आ गया।
अब जबकि बरसात का पानी उतर चुका है तो लोग इतना नुकसान झेलने के बाद एक बार फिर अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कवायद में जुट गए हैं।
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