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खेत में उतारी थी खाल, फिर किया मांस का बंटवारा

locationजयपुरPublished: Feb 15, 2020 05:28:14 pm

Submitted by:

jagdish paraliya

ठेकेदारी करने वाले लोगों का भी शिकार में हाथ, मांस को ढाबों पर करते थे सप्लाई

The skins were brought in the field, then meat was distributed

Contractors also used to supply hands and meat to victims in hunting.

रणथम्भौर: वन विभाग की रात्रि गश्त पर सवाल
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर बाघ परियोजना क्षेत्र में चीतल का शिकार मामले में वन विभाग ने रणथम्भौर में ठेकेदारी करने वालों का हाथ होने की आशंका भी जताई है। फलौदी एवं खण्डार रेंज इलाके में कुछ ठेकेदार कच्चे निर्माण कार्य का ठेका लेते हैं।
इनके साथ जो श्रमिक काम पर आते हैं, वे आसपास के गांवों के हैं। मामले में समर्पण करने वाले दो आरोपी असरार तथा कालू उर्फ सुनैफ ने आठ अन्य नामों का खुलासा किया है। इनमें ठेकेदारी करने वाले एवं कुछ श्रमिक भी हैं। शिकार को जंगल से लेकर आरोपी पास ही एक खेत में पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने चीतल की खाल उतार कर मांस का बंटवारा कर अपने घर ले गए। अगले दिन मांस को पकाकर खाया था। आरोपियों द्वारा इससे पहले भी कई बार शिकार किए जाने की आशंका है।
ढाबों पर सप्लाई का शक
टोंक-चिरगांव राजमार्ग पर जैतपुर गांव बसा है। उसके आसपास छोटे ढाबे हैं। ये भी आशंका है कि शिकार करने के स्वयं के उपयोग के बाद शिकारी इन ढाबों पर मांस सप्लाई करते थे।
पूर्व सरपंच का बेटा भी शामिल
वनाधिकारियों ने बताया कि मामले में जैतपुर निवासी कालू उर्फ सुनेफ, आकिब उर्फ मामा, रईस, सद्दाम, मतीर, कालू उर्फ नाजिम, अलफान उर्फ लादेन, तालिम, इन्याज, असरार सहित दस आरोपी हैं। इसमें से दो ने समर्पण कर दिया है और सद्दाम पूर्व सरपंच मोहम्मद हनीफ का पुत्र है।
दो घंटे में चीतल मार ले आए बाहर
बाघ परियोजना के भैंरूपुरा इलाके में शिकारियों ने चीतल के शिकार को महज दो घंटे में ही अंजाम दिया था। ये शिकारी २१ जनवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे जंगल में दाखिल हुए थे और दो घंटे बाद रात ११ बजकर ४० मिनट पर शिकार के साथ बाहर आए थे।
शिकार के मामले में दस लोगों को चिह्नित किया गया है। इनमें से कुछ रणथम्भौर में ठेकेदारी या श्रमिक के रूप में काम करने वाले लोग भी हो सकते हैं। पकड़े गए दो आरोपियों से पूछताछ जारी है।
मुकेश सैनी, डीएफओ, रणथम्भौर बाघ परियोजना

शिकार के आरोपी तीन दिन के रिमाण्ड पर
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर में चीतल का शिकार करने वाले दो आरोपियों को शुक्रवार को खण्डार न्यायालय में मजिस्टे्रट के सामने पेश किया गया। जहां से आरोपियों को सोमवार तक पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा गया है। वनाधिकारियों ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने शिकार में कुल दस लोगों के शामिल होने की बात कबूल की है। इनमें वन विभाग की ओर से पूर्व में चिह्नित किए गए पांचों आरोपी भी शामिल है। वन विभाग को आशंका है कि ये सभी आरोपी पूर्व में भी रणथम्भौर में कई अवैध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
सरिस्का : फिर शिकारियों का बसेरा, बंदूक समेत दो पकड़े
अलवर. रणथंभौर के बाद अब सरिस्का बाघ परियोजना में भी बंदूक समेत शिकारियों की पहुंच से बाघों पर संकट मंडराने लगा है। सरिस्का प्रशासन ने शुक्रवार को सरिस्का रेंज क्षेत्र के परिधि स्थित बीट किशोरी से दो शिकारियों राहुल व राधेश्याम को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक देसी बंदूक व शिकार किए दो खरगोश बरामद किए हैं।
सरिस्का बाघ परियोजना में बंदूक लेकर शिकारियों की पहुंच थम नहीं पा रही है। पूर्व में भी सरिस्का में बंदूक समेत शिकारियों को पकड़ा जा चुका है। करीब १५ दिन पूर्व भी सरिस्का में ***** का बंदूक से शिकार करने की चर्चा रही है। इससे पूर्व वनकर्मियों ने सरिस्का में बंदूक लेकर घूम रहे शिकारियों को पकड़ा था। सरिस्का में पहले भी बंदूक सहित शिकारियों की गिफ्तारी हो चुकी है। सरिस्का के डीएफओ सेढूराम यादव ने बताया कि शुक्रवार को सरिस्का बाघ परियोजना के सरिस्का रेंज क्षेत्र के परिधि पर स्थित बीट किशोरी नाका थानागाजी क्षेत्र से वनकर्मियों ने कार्रवाई कर दो शिकारियों को गिरफ्तार किया।
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