दो-तीन महीने में देश सिस्टम होगा शुरू सरकार ने सफल ट्रायल के बाद महाराष्ट्र में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया है। पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद दो-तीन महीने में इसे देश भर में उपलब्ध करा दिया जाएगा। सरकार का यह सिस्टम सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर यानी सीईआईआर पर काम करेगा। दरअसल सीईआईआर आईएमईआई नंबरों का डाटाबेस है, जिसका मकसद मोबाइल फोन की चोरी और नकली फोन के धंधे को रोकना है। सरकार ने मोबाइल ट्रैकिंग प्रोजेक्ट के तहत इस तरह का डाटाबेस बनाने का फैसला लिया था।
दर्ज करा सकेंगे मोबाइल चोरी या गुम होने की शिकायत इस सिस्टम के तहत फोन चोरी या गुम होने पर वेब पोर्टल www.ceir.gov.in या दूरसंचार विभाग के हेल्पलाइन नंबर 14422 पर फोन खोने या चोरी होने की शिकायत दर्ज की जा सकेगी। शिकायत मिलते ही दूरसंचार विभाग फोन का आईएमईआई नंबर ब्लॉक कर देगा और फोन किसी भी मोबाइल नेटवर्क में काम नहीं करेगा। यानी उसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। कोई भी व्यक्ति यदि IMEI नंबर में बदलाव करता है तो उसे तीन साल की सजा और जुर्माने दोनों भुगतने पड़ेंगे। यह प्रावधान टेलीग्राफ एक्ट में संशोधन के जरिये जोड़े गए हैं।