scriptमानकों में पानी फेल, सप्लाई में सिस्टम Fail | The system also fails in water supply, failing in the standards | Patrika News

मानकों में पानी फेल, सप्लाई में सिस्टम Fail

locationजयपुरPublished: Dec 03, 2019 01:24:28 pm

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

PHED को लोगों के सेहत की चिंता नहीं, कलक्टर के आदेश भी हवा में उड़ाए

मानकों में पानी फेल, सप्लाई में सिस्टम Fail

मानकों में पानी फेल, सप्लाई में सिस्टम Fail

जयपुर। मानकों में फेल पानी को लोगों को पिलाने के लिए पूरा सिस्टम जुटा हुआ है। इसके जरिए लोगों को बीमारियां बांटने का काम हो रहा है। अवैध रूप से संचालित निजी ट्यूबवेल से दोहन किए जा रहे पानी में नाइट्रेट और टीडीएस की मात्रा निर्धारित मानक से काफी ज्यादा मिल चुकी है। ऐसे मामलों में जिला कलक्टर ने शहरभर में सैम्पलिंग कराकर वास्तविक स्थिति पता करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन अफसरों ने केवल औपचारिकता निभा जिम्मेदारी पूरी कर ली। न भूजल विभाग को चिंता रही और न ही जिला प्रशासन को। उलटे, अफसर कलक्टर को गुमराह करने में जुटे हैं। जबकि, ज्यादातर इलाकों में नाइट्रेट की मात्रा इतनी ज्यादा है, जिससे लोगों के बीमार होने की आशंका बढ़ती जा रही है। जलदाय विभाग ने कुछ माह पहले निजी ट्यूबवेल से पानी लेने की शुरुआत की। इसके लिए इन ट्यूबवेल के पानी की जांच कराई, जिसमें 30 से ज्यादा ट्यूबवेल के पानी के सैम्पल फेल हुए।
निर्धारित मानक से ज्यादा नाइट्रेट व टीडीएस होने से दिक्कत..
1. नाइट्रेट- पानी में नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा होने से ब्लू बेबी सिंड्रोम बीमारी होने की आशंका रहती है। इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों व बुजुर्गों पर पड़ता है। इससे बच्चों का शरीर नीला हो जाता है। पानी के क्षारीय होने से पेट में ऐंठन के साथ दर्द की की शिकायत रहती है।
2. टीडीएस- दांतों में पीलापन, हड्डियों को कमजोर करना, गलने की स्थिति तक आ जाती है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आने की आशंका। लीवर पर विपरीत असर पड़ता है।
इस लेवल तक स्वीकृत…
नाइट्रेट- 50 पीपीएम
टीडीएस- 1000 पीपीएम
(पीपीएम- पार्ट पर मिलीयन…। जलदाय विभाग नाइट्रेट व टीडीएस की अधिकतम वेल्यू से ज्यादा होने पर पानी सप्लाई नहीं कर रहा है। हालांकि, जहां पानी की बहुत ज्यादा ही किल्लत रहती है वहां इससे अधिक टीडीएस के पानी सप्लाई अनुज्ञेय की जाती रही है लेकिन यह केवल बेहद जरूरी स्थिति में ही है।जयपुर में ऐसे हालात नहीं है)
कहां क्या स्थिति…
-पृथ्वीराज नगर, मांग्यावास इलाके में टीडीएस लेवल 1220 है।
-जगतपुरा स्थित सूर्य विहार में नाइट्रेट की मात्रा 102 मिली।
-मनोहपुरा कच्ची बस्ती के पास इलाके में नाइट्रेट 198 तक पहुंच गया।
-गैटोर इलाके में 116 पीपीएम है नाइट्रेट
-रामनगरिया में वीआईटी कॉलेज के पास टीडीएस लेवल 1260 है।
(इकाई पीपीएम में है। ऐसे 50 से ज्यादा जगह सैंपल चैक हुए हैं)
इनकी क्यों है जिम्मेदारी…
-जिला कलक्टर (सीधे तौर पर जिला प्रशासन स्तर पर मॉनिटरिंग व एक्शन होना है)
-भूजल विभाग (कलक्टर ने ऐसे मामलों में निरंतर सैम्पलिंग के निर्देश दिए लेकिन औपचारिकता निभा ली गई)
-जलदाय विभाग (सैम्पल फेल होने की जानकारी कलक्टर को नहीं दी, जब मामला खुला तो कलक्टर ने हकीकत जानी)
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो