काम आई युक्तिः लम्पी के कहर से यों बचाया गोवंश को
जयपुरPublished: Sep 26, 2022 12:15:19 pm
बाहर का हरा चारा किया बंद, गोट पॉक्स इंजेक्शन लगवाए


काम आई युक्तिः लम्पी के कहर से यों बचाया गोवंश को
राजधानी में चुनिंदा गोशालाएं ऐसी हैं, जहां लम्पी त्वचा रोग ज्यादा घातक साबित नहीं हुआ। यहां के संचालकों की सजगता ने गोवंश को बचाया। इन लोगों ने बाहर से आने वाला हरा चारा बंद करवा दिया। किसी ने पहले से ही बाजार से खरीदकर गोवंश को इंजेक्शन लगवा दिए। इन गोशालाओं में अब गोवंश सुरक्षित है।
राजस्थान गो सेवा संघ की राज्य भर की गोशालाओं में लम्पी ज्यादा असर नहीं डाल पाया। संघ के अध्यक्ष पवन कुमार जैन ने बताया कि पहले ही बाजार से गोट पॉक्स इंजेक्शन गोवंश को लगवा दिए थे। चारा भी दो माह का पहले ही इकट्ठा कर लिया था। दानदाताओं की ओर से दिया जाने वाला हरा चारा लेना बंद कर दिया। यही वजह है कि जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में सात हजार से अधिक गोवंश है, लेकिन 35 गोवंश ही संक्रमित हुआ।
संघ की दुर्गापुरा स्थित प्रधान कार्यालय में बैठक हुई। इसमें गो संवर्द्धन, गो संरक्षण एवं गो विकास के अलावा गोमूत्र की आयुर्वेदिक दवाइयों के निर्माण पर चर्चा की हुई। बैठक में डी. आर. मेहता, डॉ. बीएस भंडारी, घनश्याम व्यास, अजीत सिंह परिहार, राजकुमार भंडारी आदि मौजूद रहे।
पिंजरापोल गोशाला: अब सब सही
सांगोनर स्थित पिंजरापोल गोशाला में 2700 की संख्या में गोवंश है। यहां अब तक महज दो गायों के ही लम्पी त्वचा रोग के लक्षण मिले। इनको अलग बाड़े में क्वॉरंटीन कर इलाज किया। अब यहां एक भी गोवंश संक्रमित नहीं है। गोशाला के कार्यकारिणी सदस्य राधेश्याम विजयवर्गीय ने बताया कि चिकित्सक की सलाह पर इम्यूनिटी बूस्टर लगवाए थे। साथ ही रोटियों में काली मिर्च, लौंग, आंवले डालकर खिलाया।