जयपुर

राजस्थान विश्वविद्यालय लगातार हो रही चोरी से लेकर कई घटनाएं लेकिन प्रशासन नहीं सुधरवा रहा सीसीटीवी

गत दो सप्ताह में हुई आधा दर्जन से अधिक घटनाएं लेकिन फुटेज हीं नहीं

जयपुरJul 31, 2019 / 12:16 pm

HIMANSHU SHARMA

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राजस्थान विश्वविद्यालय लगातार बाइक चोरी से लेकर अन्य तरह की घटनाएं हो रही है लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन कैंपस में लगे कैमरों को सही नहीं करवा रहा हैं। जिस कारण से विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए कैमरे मात्र दिखावा बन गए हैं। यह कैमरे करीब तीन माह से अधिक समय से खराब है और वर्तमान में विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया के साथ साथ चुनावी माहौल चल रहा हैं। जिस कारण आए दिन छात्र गुट आमने सामने होते रहते है लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन सुरक्षा के लिए कैमरों को सही नहीं करवा रहा हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि कैमरे सही तो है लेकिन उनमें रिकॉर्डिंग नहीं हो रही हैं। ऐसे में कैमरे कोई काम के नहीं रह गए हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की सुरक्षा वहां पर मौजूद निजी गार्ड के भरोसे हैं। विश्वविद्यालय में कई बार तो कैमरे तक चोरी हो चुके है लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन को ना तो कैंपस है और ना ही यहां आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा की।
विद्यार्थी हीं नहीं कुलपति तक परेशान
यहीं नहीं विश्वविद्यालय हर साल सीसीटीवी की मेंटीनेंस करवाता है और लाखों रुपए खर्च करता है। विश्वविद्यालय ने पूरे परिसर में करीब 90 से अधिक कैमरें लगवा रखे है। जिसमें से 40 से अधिक कैमरे मुख्य द्वार,प्रशासनिक भवन, कुलपति सचिवालय, छात्रसंघ कार्यालय व इसके आसपास लगा रखे हैं। लेकिन इन कैमरों को सामने से ही सबसे ज्यादा घटनाएं हो रही है। गत दिनों में कैंपस के कई विद्यार्थियों की बाइक चोरी हो गई तो हाल ही में देर रात धरना दे रहे एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर एक गाड़ी में आए कुछ बदमाशों ने मारपीट की कोशिश की। जिसके बाद छात्र संगठन ने हंगामा तो किया और पुलिस को शिकायत दी। लेकिन जब पुलिस सीसीटीवी जांचने पहुंची तो उन्हें कुछ विश्वविद्यालय से कुछ नहीं मिला। वहीं विद्यार्थियों की बाइक चोरी होने पर भी सीसीटीवी फुटेज नहीं मिलते जिससे विद्यार्थी काफी परेशान हैं। वहीं मंगलवार को शिक्षकों की ओर से कुलपति और उनके सुरक्षाकर्मी के साथ की गई अभ्रदता के सीसीटीवी फुटेज जब कुलपति ने मांगे तो उन्हें भी फुटेज नहीं मिले जिस कारण वह भी परेशान होते नजर आए। ऐसे में अब सवाल यह उठने लगा है कि विश्वविद्यालय में लगे यह सीसीटीवी किस काम के हैं।
 
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