खंगाला रिकार्ड तो सामने आया ये सच कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने पिछले पांच साल में चालानशुदा वाहन चोरों का रिकार्ड खंगाला, जिसमें सामने आया कि राजधानी में लोकल चोरों की बजाय दूसरे जिलों के वाहन चोर गिरोह सबसे ज्यादा सक्रिय है। इसपर क्राइम ब्रांच ने एेसे चालानशुदा वाहन चोरों को चिन्हित कर सूची बनाई जो रहते हैं तो दूसरे जिलों में, लेकिन चोरी की वारदात वो कमिश्नरेट क्षेत्र में ही कर रहे हैं।
डांग इलाका सबसे कुख्यात वाहन चोर गिरोह के मामले में डांग इलाका सबसे ज्यादा कुख्यात है। यहां के चोर गिरोह ने कमिश्नरेट क्षेत्र में जबर्दस्त पेठ बनाने के आलावा चोरी के वाहन को ठिकाने लगाने के मामले में डांग इलाके से सटे जयपुर ग्रामीण क्षेत्र के वाहन चोरों को भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया है।
किस जिले में कितने वाहन चोर
जयपुर ग्रामीण- 919
दौसा- 592
करौली- 510
सवाईमाधोपुर- 452
टोंक- 448
सीकर- 455
भरतपुर- 297
अलवर- 295
अजमेर- 139
झुंझुनू- 120
नागौर- 103
भीलवाड़ा- 88
इनकी पेशी पर भी नजर कमिश्नरेट ने 882 एेसे वाहन चोरों को भी अलग से चिन्हित किया है, जिनकी आगामी दिनों में अदालत में पेशी के लिए तारीख मुकर्रर की हुई है।
जयपुर ग्रामीण- 919
दौसा- 592
करौली- 510
सवाईमाधोपुर- 452
टोंक- 448
सीकर- 455
भरतपुर- 297
अलवर- 295
अजमेर- 139
झुंझुनू- 120
नागौर- 103
भीलवाड़ा- 88
इनकी पेशी पर भी नजर कमिश्नरेट ने 882 एेसे वाहन चोरों को भी अलग से चिन्हित किया है, जिनकी आगामी दिनों में अदालत में पेशी के लिए तारीख मुकर्रर की हुई है।
इनका कहना है कमिश्नरेट क्राइम ब्रांच के मुखिया और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रफ्फुल कुमार का कहना है कि राजधानी में दूसरे जिलों के वाहन चोर गिरोह सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, जिससे वाहन चोरी के मामले बढ़े हैं। पड़ोसी जिलों के वाहन चोर गिरोह की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया गया है।