कोटपूतली के ग्राम बसई निवासी प्रहलाद चौधरी हत्या के मामले में पुलिस की ढिलाई पर नाराजगी जताते हुए आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को थाने के बाहर धरना दि
कोटपूतली (जयपुर)। कोटपूतली के ग्राम बसई निवासी प्रहलाद चौधरी हत्या की गुत्थी नहीं सुलझने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने बुधवार को थाने के बाहर पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना व रोशन धनकड़ की अगुवाई में धरना दिया। इस दौरान थाने के आसपास की दुकानें व शिक्षण संस्थाएं बंद रही। भारी पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि प्रशासन ने धरने की अनुमित नहीं दी थी, लेकिन ग्रामीण थाने के सामने टैंट लगा कर सुबह 10 बजे धरने पर बैठ गए। पुलिस उपाधीक्षक महमूद खान, प्रशिक्षु उपाधीक्षक दिनेश यादव, उप जिला कलक्टर सुरेश चौधरी ने धरना स्थल पर पहुंचे और मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा दिलाया। एडीएम जयपुर कैलाशचंद व एएसपी रामस्वरूप शर्मा की अध्यक्षता में हुई समझौता वार्ता में जनप्रतिनिधियों ने जांच में पुलिस की ढिलाई पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हत्या के मामले को दुर्घटना में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है। एएसपी ने पीडि़तों की शंकाओं को दूर करने का आश्वासन दिया। पुलिस अधिकारियों ने एक माह को समय मांगा तो उपस्थित लोगों ने डेढ़ माह का समय सीमा तय कर खुलासा करने को कहा। यदि फिर भी खुलासा नहीं किया तो फिर थाने के बाहर धरना दिया जाएगा। इसके बाद शाम करीब 04 बजे धरना समाप्त हो गया। उल्लेखनीय है ग्रामीणों ने इससे पहले 22 अगस्त को थाने पर धरना दिया था। उस समय पुलिस को 20 दिन का समय देकर धरना समाप्त कर दिया था, लेकिन मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। गौरतलब है कि ग्राम बसई में 30 जून की रात प्रहलाद जाट की हत्या हो गई थी। शव सड़क किनारे पड़े मिला था।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई—पूर्व संसदीय सचिव ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि हत्या के मामले को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। जांच बदलने की कोई मांग नहीं होने के बाद भी बदल दी। धरने के बाद पुलिस ने मामले का राजनीतिकरण कर जातिगत मामला बना दिया। उन्होंने कहा कि खुलासा नहीं होने तक ग्रामीणों का संघर्ष जारी रहेगा। किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रोशन धनकड़ ने कहा कि पुलिस ने मामले को लेकर समाज को बांटने का कार्य है। खुलासा करने के बजाय पुलिस पर्दा डालने में जुटी है। इस दौरान समाजसेवी देवेन्द्र दलाल, धर्मचंद, इन्द्राज गुर्जर,
हनुमान सैनी, जगदीश यादव, सुमेर दादरवाल, रोहित लोमोड़, प्रदीप चौधरी एडवोकेट, धर्मचंद, दाताराम, सूबेदार ओंकार व रमेश पायला ने भी विचार व्यक्त किए।
पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट—धरने के दौरान पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। आरएसी की 03 कम्पनियों के अलावा आसपास के थानों के 02 पुलिस उपाधीक्षक 08 थाना प्रभारी महिला पुलिस बल के अलावा वज्र व दमकल वाहन मौजूद रहे। थाने के बाहर भारी जाप्ता रहा।