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दुविधाजनक बने अंडरपास, जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है स्कूल

locationजयपुरPublished: Nov 10, 2019 07:30:13 pm

Submitted by:

anant

कोटा के सीमलिया में स्थानीय लोगों सहित स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर रोजाना सफर करना पड़ रहा है। दरअसल, यहां बने अंडरपास में ज्यादातर समय पानी भरा रहता है जिससे फिसलन हो रही है। यदि इस राह से नहीं गुजरना चाहे तो रेल की पटरियों से होकर गुजरने की मजबूरी है।

दुविधाजनक बने अंडरपास, जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है स्कूल

दुविधाजनक बने अंडरपास, जान जोखिम में डालकर जाना पड़ता है स्कूल

कोटा के सीमलिया में स्थानीय लोगों सहित स्कूली बच्चों को जान जोखिम में डालकर रोजाना सफर करना पड़ रहा है। दरअसल, यहां बने अंडरपास में ज्यादातर समय पानी भरा रहता है जिससे फिसलन हो रही है। यदि इस राह से नहीं गुजरना चाहे तो रेल की पटरियों से होकर गुजरने की मजबूरी है। दोनों ही रास्ते जोखिम भरे हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है। सीमलिया से करीब ढाई किलोमीटर दूर कराड़िया में बने अंडरपास का भी ऐसा ही हाल है। पानी भरे रास्तों के चलते दोनों अंडरपास की स्थिति एक जैसी है।
-हमेशा भरा रहता है पानी

ग्रामीणों की सुविधा के लिए सीमलिया-कल्याणपुरा मार्ग को काटते हुए निकल रही रेलवे लाइन के नीचे से अंडरपास बनाया गया था, लेकिन यह अंडरपास सुविधाजनक कम दुविधाजनक अधिक हो गया है। अंडरपास में हमेशा पानी भरा रहने से गुजरना मुश्किल है। वर्तमान में भी करीब डेढ़ फीट पानी भरा है। बारिश में तो पांच-छह फीट पानी भर जाता है। ऐसे में लोगों को दूसरे रास्ते खोजने पड़ते हैं। ऐसा नहीं है कि ये समस्या अभी की है, बल्कि अंडरपास निर्माण के समय से ही यह समस्या है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है। कई बार वे संबंधित विभाग को परेशानी बता चुके हैं लेकिन किसी ने अबतक ध्यान नहीं दिया।
-स्कूली बच्चों को खतरा

कल्याणपुरा सहित अन्य गांवों से सीमलिया पढ़ने आने वाले बच्चों को हर दिन जोखिम उठानी पड़ती है। अंडरपास में हमेशा पानी भरा रहने के कारण उन्हें उबड़ खाबड़ रास्ते और रेल की पटरियां पार करके ही जाना पड़ता है। करीब 150 बच्चे पटरियां पार कर सीमलिया पढ़ने आते हैं। रेलवे लाइन पर यात्री ट्रेन और मालगाड़ियों का आवागमन बना रहता है। जो छात्राएं साइकिल से स्कूल आना चाहती है उन्हें तो और परेशानी होती है।
-नसीहत लिखकर पल्ला झाड़ा

ताज्जुब की बात ये है कि रेलवे प्रशासन ने समस्या के समाधान के बजाय अंडरपास के प्रवेश पर नसीहत लिखकर पल्ला झाड़ लिया है। यहां लिखा है ‘अंडरपास में यदि पानी भरा हो तो समपार फाटक संख्या 13 का उपयोग करें। यह फाटक 200 मीटर दूर भौरा स्टेशन साइड में है।
-वाहनों की रेलमपेल

सीमलिया से करीब ढाई किलोमीटर दूर कुराड़िया गांव है। यहां हाइवे पार करने के लिए अंडरपास तो है, लेकिन राह आसान नहीं है। अंडरपास और इसके दोनों ओर पानी भरा है। इसमें डेढ़ से दो फीट पानी भरा रहता है। यह अंडरपास भी नाले के नजदीक है। इससे सड़क पर भी पानी भरा रहता है। ग्रामीण कहते हैं इस स्थिति में गलत साइड जाकर हाइवे पार करना पड़ता है। इसमें हमेशा हादसे का अंदेशा रहता है। दोनों अंडरपास में पानी और कीचड़ होने से फिसलन हो जाती है। इससे दुपहिया वाहनों के स्लिप होने का भी खतरा रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जिम्मेदार लोगों सहित विधायक और जिला प्रमुख को समस्या से अवगत करवाया गया है, लेकिन समाधान अब तक नहीं हुआ है।
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