संयम का मार्ग ऐसा भाया कि दुनियादारी फीकी लगी
वर्षों बाद जयपुर में दीक्षा महोत्सव आयोजित होगा। बसंत पंचमी पर प्रताप नगर में होने वाले इस महोत्सव में जोधपुर निवासी दीपिका मुणोत दीक्षा लेंगी।
जयपुर. ज्यादातर लोग जहां दुनियादारी की चमक में उलझकर रह जाते हैं, वहीं कुछ ऐसे विरले भी होते हैं जिन्हें धर्म का मार्ग ही अंतिम लगता है। ऐसी ही अनुभूति 22 वर्षीय दीपिका मुणोत को भी हुई। वे 29 जनवरी को सांसारिक सुखों को पूरी तरह त्याग कर धर्म के मार्ग पर अग्रसर हो जाएंगी। मूलत: जोधपुर के भोपालगढ़ निवासी दीपिका मुणोत को भागवती दीक्षा साध्वी प्रमुख महासती तेजकंवर आदि ठाणा-24 के सान्निध्य में दी जाएगी।
गुरुवार को राजस्थान पत्रिका से बातचीत में दीपिका मुणोत ने कहा कि बिना दीक्षा के धर्म कार्य तो कर सकते हैं, लेकिन छह कायों की रक्षा घर में रहकर नहीं की जा सकती। इसके लिए संयम मार्ग पर चलना होगा। घर में रहकर अहिंसा का पालन पूरी तरह से नहीं हो सकता। आत्मा के कल्याण के लिए संयम के मार्ग पर चलना ही होगा। उल्लेखनीय है कि दीपिका के परिवार में दो बुआ पूर्व में दीक्षा ले चुकी हैं। 2010 से वैराग्य अवस्था में हैं।
जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, जयपुर के अध्यक्ष प्रमोद महनोत ने बताया कि 28 जनवरी की सुबह 11.30 बजे स्थानक भवन स्थित आवास से दीक्षा स्थल तक वरघोड़ा यात्रा निकलेगी। इससे पूर्व सुबह ९.३० बजे वीर परिवार एवं दीक्षार्थी का अभिनंदन होगा।
वहीं, 29 जनवरी को दीक्षा कार्यक्रम होगा। इसके लिए जागृति मार्ग (दवा फैक्टी के सामने), हल्दीघाटी गेट के पास प्रतापनगर में दीक्षा स्थल बनाया गया है।
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