रिमोट वर्क की ओर अब दुनिया का रुख
जयपुरPublished: Jan 11, 2021 11:08:19 pm
वर्क कल्चर – सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक चतुर्वेदी बता रहे हैं काम की नई संस्कृति का मंत्र
रिमोट वर्क की ओर अब दुनिया का रुख
‘कोरोनाकाल ने हमारे देश में काम की एक नई संस्कृति को जन्म दिया है। हालांकि दुनिया के विकसित देशों में यह संस्कृति नई नहीं है। लेकिन भारत में मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़कर, किसी भी क्षेत्र में यह संस्कृति विकसित नहीं हो पाई थी। कोरोना ने लोगों को घर से काम करने की नई संस्कृति से रूबरू कराया। इस संस्कृति के फायदे भी अब लोगों को दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली जैसे शहर में फॉग की स्थिति के बीच दफ्तर जाते वक्त कार व अन्य दुपहिया वाहन के इस्तेमाल से न सिर्फ ईंधन का खर्च होता है बल्कि ट्रैफिक जाम की स्थिति से भी जूझना पड़ता है। वहीं प्रदूषण की स्थिति भी चिंताजनक हो जाती है। ऐसे में वर्क फ्रॉम होम बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है। देश में यह कॉन्सेप्ट नया जरूर है लेकिन उन लोगों के लिए कॉमन है जो उन मल्टीनेशनल कम्पनियों के साथ काम करते हैं जहां यह एक तरह से वर्क कल्चर है।रिमोट वर्क की ओर जा रही दुनिया हमारे देश में अब वर्क फ्रॉम होम शुरू हुआ है लेकिन दुनिया रिमोट वर्क की ओर रुख कर रही है। मैं भी रिमोट वर्क करने लगा हूं। इसमें आप दुनिया के किसी भी कोने में रहकर काम कर सकते हैं। बशर्ते वहां इंटरनेट कनेक्टिविटी और बिजली की बेहतर सुविधा हो। मैं पुणे में नौकरी करता हूं लेकिन रायपुर में रहता हूं। ट्रेवल मेरा पैशन है, मैं इसके साथ नौकरी भी कर रहा हूं। ऐसे में अगर आप में दूसरों की मदद करने का जज्बा है तो आप रिमोट वर्क या वर्क फ्रॉम होम के दौरान यह भी आसानी से कर सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान मैंने ५६ लोगों की मदद की। उन्हें सोशल मीडिया के जरिए स्वस्थ जीवनशैली के बारे में बताया। सिर्फ काम होने का होगा महत्व वर्क फ्रॉम होम की तरह हमें रिमोट वर्क को भी आने वाले वक्त में अपनाना पड़ेगा। जैसे-जैसे देश में मल्टीनेशनल कम्पनियां बढ़ेंगी, यह कॉन्सेप्ट उभरकर सामने आएगा। देश में भी रिमोट वर्क का स्कोप आगे बढ़ता जाएगा। नियोक्ताओं को इस चीज से फर्क नहीं पड़ेगा कि आप किस तरह और कैसे काम कर रहे हैं, उन्हें तो काम पूरा होने से मतलब रहेगा। वर्क फ्रॉम होम में भारत की स्थिति अभी शिशु अवस्था में है। यह जब प्रचलित हो जाएगा तब रिमोट वर्क का भी अभ्युदय होगा।(इंटरव्यू – ताबीर हुसैन)