scriptझालाना में जगह नहीं इसलिए खेतड़ी ले जाकर छोड़ा पैंथर | There is no place in Jhalana so Panther left by taking Khetri | Patrika News

झालाना में जगह नहीं इसलिए खेतड़ी ले जाकर छोड़ा पैंथर

locationजयपुरPublished: Dec 14, 2019 11:01:37 am

Submitted by:

HIMANSHU SHARMA

मेल पैंथर्स की संख्या में इजाफा होने के कारण खेतड़ी छोड़ा

Panther run in daylight in Jaipur

Jaipur में आया दिनदहाड़े Panther

जयपुर
जयपुर में दो दिन तक दहशत फैलाने वाले पैंथर को वन विभाग ने तड़ीपार कर दिया है। उसे खेतड़ी के रिजर्व क्षेत्र में ले जाकर छोड़ा गया। डीएफओ जयपुर सुदर्शन शर्मा से जब पैंथर को इतनी दूर छोड़ने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जयपुर में छोड़ने के लिए जगह नहीं थी। झालाना में छोड़ने के विकल्प पर डीएफओ ने कहा कि यहां पर पहले ही पैंथर ज्यादा हो रहे है। खासतौर पर इलाके में मेल पैंथर्स की संख्या बढ़ गई हैं। ऐसे में उसे खेतड़ी ले जाकर छोड़ा गया है। वहीं झालाना में फिर से पकड़े गए पैंथर को वापस नहीं छोड़ने पर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वहां से परेशान होकर वह बाहर आया है। ऐसे में अगर उसे फिर से वहां छोड़ा गया तो वह फिर से जंगल से बाहर आ सकता है। उसे जंगल में टैरेटरी या अन्य मेल पैंथर के कारण परेशानी हुई होगी। इसलिए वह जंगल का इलाका छोड़ कर आया है। अब फिर से उसे वहां पर छोड़ने पर वह फिर से परेशान होता और फिर जंगल से भटक सकता था। इसलिए पकड़े गए पैंथर को खुले इलाके में छोड़ा गया है जिससे की वह अपनी टैरेटरी बना सकें। झुंझुनू के डीसीएफ राजेन्द्र हुड्डा ने बताया कि जहां जहां पर पैंथर ज्यादा हो रहे है वहां से लाकर खेतड़ी के बासियाल रिजर्व क्षेत्र मे पैंथर छोड़े जा रहे है। अभी इस क्षेत्र में पहले से चार पैंथर मौजूद है। अब इसके आने से यहां पर पांच पैंथर हो जाएंगे। जिससे इनका कुनबा बढ़ा तो यहां पर नए पर्यटन का क्षेत्र विकसित हो सकता हैं। गौरतलब है कि झालाना में पैंथर की संख्या 33 है। यहां इनका कुनबा बढ़ने से जंगल छोटा हो रहा हैं। जयपुर में पांच साल पहले 13 तेंदुए है। जिनकी पांच साल में संख्या दो गुणा हो गई है। लेकिन इनके अनुसार झालााना का जंगल नहीं बढ़ा हैं।
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