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पहले तो कभी इस तरह सहमा-सहमा सा नहीं था मरुधरा का जनजीवन

locationजयपुरPublished: Apr 09, 2020 12:47:17 am

Submitted by:

jagdish paraliya

इतने लम्बे समय तक अलग-अलग थाना क्षेत्रों में नहीं लगा था कफ्र्यू

Never before was Marudahara's life like this

There was no curfew in different police station areas for so long.

राजस्थान के इतिहास में पहला मौका

सीकर. कोरोना वायरस के कहर ने प्रदेश में कफ्र्यू का रेकॉर्ड भी तोड़ दिया है। राजस्थान के इतिहास में एक ही मामले को लेकर लगभग 40 थाना क्षेत्रों में अलग-अलग कफ्र्यू कभी नहीं लगा।
धारा 144 लागू रहने का भी रेकॉर्ड है। दुनिया के कई देशों में 25 से 30 मौतों पर भी लॉकडाउन नहीं किया गया, लेकिन प्रदेश में तीन से अधिक पॉजिटिव मामले सामने आने पर क्षेत्र विशेष में कफ्र्यू लगाया जा रहा है। इसी के दम पर राजस्थान ने कोरोना के सामुदायिक संक्र्रमण पर अंकुश लगा रखा है।
सबसे पहले झुंझुनूं में
कोरोना का कहर फैलने के बाद सबसे पहले प्रदेश में शेखावाटी के झुंझुनंू जिले में कफ्र्यू लगाया। इसके बाद भीलवाड़ा, कोटा, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर सहित अन्य जिलों में कफ्र्यू बढ़ता गया।
1992 में कुछ हालात बिगड़े थे, लेकिन इतना लंबा कफ्र्यू नहीं: गर्ग
रामजन्म भूमि आंदोलन के समय प्रदेश में कई स्थानों पर हालात जरूर बिगड़े थे, लेकिन इतना लंबा कफ्र्यू कभी नहीं लगा। कोरोना वायरस को मात देने के लिए हम सभी को घरों में रहना होगा। इसके लिए सरकार के पास फिलहाल सबसे बड़ा विकल्प यही है कि कफ्र्यू घोषित कर दिया जाए ताकि लोग संक्रमण से बच सके।
कपिल गर्ग, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, राजस्थान
इतना लम्बा कफ्र्यू सुना ना देखा: भारद्वाज
कई बार कानून व्यवस्था के हिसाब से कुछ थाना क्षेत्रों में जरूर कफ्र्यू लगाया जाता है, लेकिन इतना लंबा कफ्र्यू और एक साथ इतने थाना क्षेत्रों में न कभी सुना ना देखा। वर्ष १९९२ में कुछ थाना क्षेत्रों में जरूर लगा था। लेकिन उस समय इतने थाना क्षेत्रों में नहीं था। कोरोना वायरस तुरंत फैलता है इसलिए लॉकडाउन एक अच्छा कदम है।
ओमेन्द्र भारद्वाज, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, राजस्थान
राजनीतिक कारणों से १९६० के दशक में कुछ थाना क्षेत्रों में जरूर एक साथ कफ्र्यू लगा था। अब जिस तरह कोरोना की वजह से कफ्र्यू लगा है, एेसे हालात को कभी नहीं बने।
अमराराम, पूर्व विधायक, सीकर
दुनियाभर में सालों पहले प्लेग की महामारी फैली थी। उन दिनों कुछ एेसे ही हालात बने थे। इसके बाद अब पूरी दुनिया में इस तरह का नजारा देखने को मिला है।
झाबर सिंह खर्रा, पूर्व विधायक, सीकर

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