scriptबच्ची को मकान में बंद करने के मामले में उच्चस्तरीय जांच होगी | There will be a high-level investigation in the matter of locking the | Patrika News

बच्ची को मकान में बंद करने के मामले में उच्चस्तरीय जांच होगी

locationजयपुरPublished: Feb 14, 2020 10:56:53 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के रूपनगढ़ में निजी फाइनेंस कंपनीवालों द्वारा एक मकान को सीज करने के दौरान 9 महीने की बच्ची को अंदर बंद कर देने और परिजनों की गुहार के 8 घंटे बाद ताले खुलवाकर बच्ची को वापस बाहर निकालने के मामले को गंभीर मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री से कहा कि ऐसी घटनाए भविष्य में न हो इसका ध्यान रखा जाए।

there-will-be-a-high-level-investigation-in-the-matter-of-locking-the

बच्ची को मकान में बंद करने के मामले में उच्चस्तरीय जांच होगी

बच्ची को मकान में बंद करने के मामले में उच्चस्तरीय जांच होगी
विधानसभा अध्यक्ष ने दिए निर्देश


पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के रूपनगढ़ में निजी फाइनेंस कंपनीवालों द्वारा एक मकान को सीज करने के दौरान 9 महीने की बच्ची को अंदर बंद कर देने और परिजनों की गुहार के 8 घंटे बाद ताले खुलवाकर बच्ची को वापस बाहर निकालने के मामले को गंभीर मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री से कहा कि ऐसी घटनाए भविष्य में न हो इसका ध्यान रखा जाए।
इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री शांतिधारीवाल ने बताया कि फायनेंस कंपनी और बच्ची के परिजनों के बीच गपफलत में बच्ची अंदर रह गई। जब घटना का पता चला तो मकान की वीडियाग्राफी करवाई और बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। वह सकुशल थी, उसके बाद परिजनों के पास है। उन्होंने बताया कि फाइनेंसकंपनी पर आईपीसी की धारा 342 तथा 336 में मामला दर्ज कराया गया हैं। इस मामले में पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सत्ता पक्ष पर जमकर हमला बोला था।
रावत ने विधानसभा में निजी फाइनेंस कंपनी, पुलिस, प्रशासन के ज़िम्मेदार अधिकारियों पर पर कार्रवाई की मांग की थी। विधानसभा परिसर में बच्ची के दादा ओम प्रकाश ने बताया कि कोर्ट से स्टे होने के बावजूद अवैध तरीके से फाइनेंस ने कंपनी ने मकान को सीज कर दिया। ओमप्रकाश ने कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस, प्रशासन से भी गुहार लगाई, मगर किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद अजमेर जाकर कलेक्टर से मिले और उनके निर्देश पर बच्ची को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बच्ची का रो-रोकर बुरा हाल हो चुका था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो