लंबे समय से अक्षय ऊर्जा के स्रोतों, खासकर सौर और पवन ऊर्जा का विस्तार आशानुकूल नहीं रहा। जो जलवायु परिवर्तन के लिए काफी घातक है। इसलिए जीवाश्म ईंधन को नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी से बदलने की आवश्यकता है। उन विकासशील देशों में सोलर पैनल और विंड टर्बाइन सस्ते हैं, जहां कार्बन उत्सर्जन में बहुत अधिक वृद्धि की आशंका है। इसलिए जीवाश्व ईंधन की बजाय अक्षय ऊर्जा का विकल्प सस्ता और सुलभ हो सकता है। इससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी।
आने वाले दशक में वाहन उद्योग काफी बदलने वाला है। जो हमें पूरी तरह से स्वचालित वाहनों की तरफ ले जाएगा। जैसे-जैसे ज्यादातर देश स्वचालित वाहनों को अपनाएंगे और इसे स्मार्ट सिटी के बुनियादी ढांचे का हिस्सा बनाएंगे तो टै्रफिक सिस्टम सुधरेगा। स्वचालित वाहन हर वर्ष एक लाख जीवन बचाने में कारगार होंगे। ये वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होंगे और इसके कारण सडक़ें मजबूत और सुरक्षित होंगी।
5जी आने से स्मार्ट बुनियादी ढांचे से स्मार्ट सिटीज का उदय होगा। ये ऐसे शहर होंगे, जिनके बुनियादी ढांचे का एआइ से प्रबंधन किया जाएगा। इन स्मार्ट शहर कुशलता से टै्रफिक पैटर्न का प्रबंधन करेंगे, आपातकालीन सेवाओं में तत्काल रिस्पॉन्स होगा। आधुनिक शहरी जीवन में कई परेशानियों से गुजरना होता है। जैसे पार्किंग तलाशना, टै्रफिक में फंसना आदि। ये सब स्मार्ट सिटी से आसान हो जाएगा।
आनुवांशिक रूप से संशोधित या क्रिस्पर तकनीक से संशोधित फसलें, प्रयोगशाला में तैयार होने वाला मीट या अन्य खाद्यान्न उत्पादन जल्द ही ऐसी जगह पहुंच जाएगा, जहां हम दुनिया की बड़ी आबादी को खिला सकते हैं। खास बात ये है कि हमें भोजन के लिए पशुओं का वध करने की आवश्यकता नहीं होगी। मांस के लिए क्रूर तरीकों को खत्म करना काफी सुखद रहेगा।
आज दुनियाभर की बीमारियां और हादसों के चलते कोई भी दीर्घायु होने का दावा नहीं कर सकता। लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब हम औसत उम्र के पड़ाव पर अपेक्षाकृत शारीरिक रूप से बेहतर होंगे। आने वाले समय में संक्रमण का आनुवांशिक इंजीनियरिंग से हल खोजा जाएगा। एंटीबायोटिक दवाओं से रोग प्रतिरोधक क्षमताओं में और सुधार आएगा। कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई साल दर साल आशाजनक नजर आ रही है और अगले कुछ वर्षों में जीवन प्रत्याशा बढऩे की भी उम्मीद है।
चांद पर जाने के बाद इंसान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से ज्यादा आगे नहीं गया है। लेकिन अब स्पेस एक्स, वर्जिन गैलेस्टिक और ब्लू होराइजन जैसी कंपनियों ने अंतरिक्ष में दोहन के लिए भावी योजना और स्थान निर्धारित कर लिया है, जो नई सीमाओं का पता लगाएगा। पृथ्वी के निकटवर्ती क्षुद्रग्रहों पर खनिजों का दोहन पृथ्वी पर खनिज की कमी को पूरा कर सकता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआइ हमारे जीवन के हर पहलू को समझदारी से बदलावा लाएगी। एआइ के प्रयोग से नई नौकरियां पैदा होंगी। रोबोटिक श्रम के साथ काम करने वाला एआइ सिस्टम नवीकरणीय ऊर्जा के साथ काम की गति को बढ़ा सकता है। जो लोग एआइ के चलन से काम खत्म करने की आशंका जता रहे हैं, वह सिर्फ भ्रम है।