एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के वीसी और एमडी डॉ. रमाकांत पांडा का कहना है कि इन लक्षणों के जरिए हृदयाघात की स्थिति को पहचानकर समुचित चिकित्सा की जा सकती है। विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में डॉ. रमाकांत पांडा ने अपने चिकित्सा परामर्श के जरिए बताया कि लक्षणों की पहचान और सावधानी, सतर्कता बरतते हुए समय से उपचार के जरिए विश्व की आबादी में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है। पांडा का कहना है कि उपरोक्त हालांकि ये लक्षण आमतौर पर हार्ट अटैक के दौरान होने वाले सीने में दर्द की भांति स्पष्ट नहीं होते। ऐसा इसलिए भी होता है कि हृदय की मुख्य धमनियों में ब्लॉकेज के अलावा हृदय को पर्याप्त मात्रा में रक्त प्रवाह नहीं मिल पा रहा होता है। भावनात्मक तनाव महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षणों को बढ़ाने में भूमिका निभा सकता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को भावनात्मक तनाव से दूर रहना चाहिए।