महात्मा गांधी अस्पताल के चेयरमैन डॉ एमएल स्वर्णकार ने बताया कि अस्पताल में 13 ब्रेन डेड रोगियों के जरिए 44 अंगदान हुए हैं। इसके अलावा अस्पताल में राज्य का पहला कैडेवर अंगदान, पहला कैडेवर किडनी प्रत्यारोपण, पहला हार्ट ट्रासंप्लांट, लीवर ट्रांसप्लांट, लंग्स ट्रांसप्लांट और पेन्क्रियास ट्रांसप्लांट किया जा चुका है।
खुद को तीन साल का मानते हैं सूरजभान -:
खुद को तीन साल का मानते हैं सूरजभान -:
पहला ट्रांसप्लांट कराने वाले सूरजभान भले ही 35 साल के हो गए हैं, लेकिन वे खुद को तीन साल का ही मानते है। तीन साल पहले राजू नाम के व्यक्ति का उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था। हनुमानगढ निवासी सूरजभान का कहना है कि इससे मुझे न केवल नया जीवनदान मिला है, बल्कि अब लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित भी करता हूं। इस दौरान सूरजभान ने अपनी जिंदगी जुडे अनुभव साझा किए।