script

राजस्थान का रण : भाजपा-कांग्रेस के बीच क्या उभर पाएगी गुस्से और बगावत की ‘तीसरी’ ताकत

locationजयपुरPublished: Sep 15, 2018 10:59:28 pm

https://www.patrika.com/rajasthan-news/

rajasthan ka ran

राजस्थान का रण : भाजपा-कांग्रेस के बीच क्या उभर पाएगी गुस्से और बगावत की ‘तीसरी’ ताकत

जयपुर. प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के अलावा अन्य दलों का जमीनी वजूद भले ही नहीं है, लेकिन हर चुनाव में मिल रहे करीब एक चौथाई वोट नेताओं की महत्वाकांक्षा को बढ़ा रहे हैं। ऐसे में अन्य दल इस बार की चुनावी वैतरणी कांग्रेस-भाजपा के बागियों और दोनों दलों से नाराज जातियों के भरोसे पार करने की फिराक में हैं। पिछले तीन चुनाव देखें तो निर्दलीय समेत तीसरे दलों को करीब एक चौथाई वोट मिलता रहा है। 2008 में बसपा ने 7.60 वोट हासिल कर 6 सीटें हासिल कर कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया था। आखिर में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को बसपा से हाथ मिलाना पड़ा था। प्रस्तुत है प्रदेश में तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर पड़ताल-

सभी का दावा, सभी सीटों पर लड़ेंगे
2008 में बसपा ने अधिकांश सीटें पूर्वी राजस्थान में हासिल की थीं। बसपा से जीतकर आए अधिकांश विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए, ऐसे में 2013 में खोए जनाधार को नए चेहरों के साथ बसपा हासिल करने में जुटी हुई है। बसपा पदाधिकारी वैसे तो सभी 200 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी का दावा कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस से राष्ट्रीय स्तर पर समझौता प्रस्तावित होने के चलते कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं। इसी तरह आम आदमी पार्टी भी खुलकर मैदान में है।
सोशल मीडिया पर सभी सक्रिय
अन्य दलों के पास भाजपा-कांग्रेस जैसी अलग से बड़ी सायबर टीम तो नहीं है, लेकिन अपने सीमित संसाधनों में वह सोशल मीडिया पर भी जुटे हुए हैं। जहां भारत वाहिनी पार्टी, आम आदमी पार्टी, हनुमान बेनीवाल फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप पर खासे सक्रिय हैं।
ये हैं पार्टियां, जो दिखाई दे रही रण में
आप: अन्य दलों व नेताओं पर नजर
पार्टी प्रदेश में अब तक तीस उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। 22 उम्मीदवारों की सूची दिल्ली भेजी हुई है। आप भी अन्य दलों से संपर्क में जुटी हुई है। आप की वामपंथी दलों के साथ बात हुई थी, लेकिन वामपंथी दल चुनाव में दलित कार्ड आगे लाना चाहते हैं।

राजपा: किरोड़ी के जाने से खालीपन
2013 के विधानसभा चुनाव में जहां राजपा ने 4.25 वोट हासिल कर 4 सीटें हासिल की थी। किरोड़ीलाल मीणा के राजपा छोड़ भाजपा में शामिल होने से राजपा अब अपना अस्तित्व बचाने में जुटी हुई है। विधायक नवीन पिलानिया अपने क्षेत्र तक सिमटे दिख रहे हैं।

जमींदारा : अस्तित्व बचाने का प्रयास
जमींदारा पार्टी भी 1 फीसदी से अधिक वोट लेकर दो सीटें जरूर जीत गई थी। इस बार इस पार्टी का भी अस्तित्व संकट में दिख रहा है। पार्टी की एक विधायक हाल ही कांग्रेस का दामन थाम चुकी हैं। पार्टी अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में सक्रिय है।
ये हैं रण के ‘तीसरे चेहरे’, जो दोनों दलों की बढ़ा रहे धड़कन

घनश्याम तिवाड़ी: नाराज नेताओं को मनाने का प्रयास
भाजपा से बगावत कर तिवाड़ी ने भारत वाहिनी पार्टी का गठन किया। दिग्गजनेताओं का भाजपा और कांग्रेस टिकट काटते हैं तो भारत वाहिनी उन पर चुनावी दांव खेल सकती है।मानवेन्द्र,बेनीवाल से पार्टी नजदीकी बढ़ा रही है।
हनुमान बेनीवाल: सभाएं कर दिखा रहे ताकत
शेखावाटी और मारवाड़ में विधायक हनुमान बेनीवाल खासे सक्रिय दिख रहे हैं। वह लगातार इन इलाकों में जहां राजनीतिक सभाएं कर अपनी ताकत दिखा रहे हंै, सामाजिक कार्यक्रमों में जनता से जुडऩे का प्रयास कर रहे हैं।
मानवेंद्र सिंह: पकड़ रहे हैं अलग राह
बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री जसवंत सिंह के विधायक पुत्र मानवेन्द्र सिंह भी भाजपा से अलग राह पकड़ते दिख रहे हैं। वे अपने क्षेत्र में अलग सभा कर चुके हैं और आसपास की सीटों के मतों पर नजर गढ़ाए हुए हैं।
rajasthan ka ran
उचित समय का इंतजार
हमारा करीब 40 से 50 विधायक, पूर्व विधायक-सांसदों से संपर्क बना हुआ है। उचित समय पर उनके साथ पार्टी सभा-रैलियों का आयोजन करेगी। पार्टी में टिकट चयन की प्रक्रिया चल रही है। हम प्रदेश को कांग्रेस-भाजपा का विकल्प देने को तैयार हैं।
विष्णु जायसवाल, प्रदेश प्रवक्ता भारत वाहिनी पार्टी
30 उम्मीदवार घोषित
आप की चुनावी तैयारी चल रही है। अब तक 30 उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं, जबकि एक सूची दिल्ली भेजी हुई है। अन्य दल और नेताओं से संपर्क बना हुआ है। यदि बात बन जाती है तो उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, अन्यथा पार्टी अकेले चुनाव में उतरेगी।
देवेन्द्र शास्त्री, समन्वयक, राजस्थान आप
मायावती का फैसला ही अंतिम
चुनाव को लेकर वैसे तो हमारी तैयारी पूरी है, लेकिन प्रत्याशियों को लेकर पार्टी प्रमुख मायावती का फैसला ही अंतिम होगा।
सीताराम मेघवाल, प्रदेश अध्यक्ष बसपा

ट्रेंडिंग वीडियो