आप: शहरी सीटों पर फोकस आप का शहरी सीटों पर सर्वाधिक फोकस है। दिल्ली सुशासन का नारा देकर राजस्थान में पार्टी दमदार उपस्थिति दर्ज करना चाहती है। आने वाले दिनों में अरविंद केजरीवाल समेत दिल्ली सरकार के अन्य मंत्री यहां सक्रिय हो जाएंगे। इसकी घोषणा दो-तीन दिन में की जा सकती है। पार्टी अब तक ५९ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार चुकी है।
भारत वाहिनी पार्टी: बिगाड़ेगी समीकरण चार साल तक सरकार से नाराज रहे घनश्याम तिवाड़ी ने चुनाव से ठीक पहले भारत वाहिनी पार्टी बनाकर भाजपा का गणित बिगाडऩे की कोशिश की है। जयपुर, सीकर में पार्टी ज्यादा सक्रिय है। प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी भी प्रदेश भर में रैली और जनसम्पर्क कर मौजूदा सरकार पर हल्ला बोल रहे हैं। राजपूत समाज के कुछ नेताओ को साथ भी लेकर आए हैं।
अब तक तय नहीं कौन किसके साथ -कांग्रेस के साथ बसपा का गठबंधन नहीं होता तो पार्टी अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
-भारत वाहिनी पार्टी ने तीसरे मोर्चो के विकल्प खुले रखे हैं। पार्टी मिलकर टक्कर लेने की बात कही है।
– अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि तीसरे मोर्चे में कौन से दल शामिल होंगे और कहां से कौन से प्रत्याशी उतारेगा?
अब किरोड़ी भाजपा में दौसा, सवाईमाधोपुर सहित अन्य जिलों की राजनीति में अच्छा खासा दखल रखने वाले सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने बीते चुनाव में राजपा से उम्मीदवार उतारे। विस चुनाव में सवा चार फीसदी मत हासिल करने वाली पार्टी को चार विधायक भी मिले, लेकिन इनमें से तीन अब भाजपा के साथ हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने भी तीसरे मोर्चे की राज्य में वकालत की थी।
पिछले तीन चुनावों का हाल 2008 विस ———–2013 विस——-2014 लोस
मत प्रतिशत (सीट)—-मत प्रतिशत (सीट)—मत प्रतिशत (सीट)
भाजपा 34.27(78)——46.05(163)——–54.14(25)
कांग्रेस 36.82(16)——-33.71(21)———30.36
बसपा 7.66(06)———- 3.44(03)———–2.34
वामपंथी 1.85(03) ——1.07( 0) ————–0.55
मत प्रतिशत (सीट)—-मत प्रतिशत (सीट)—मत प्रतिशत (सीट)
भाजपा 34.27(78)——46.05(163)——–54.14(25)
कांग्रेस 36.82(16)——-33.71(21)———30.36
बसपा 7.66(06)———- 3.44(03)———–2.34
वामपंथी 1.85(03) ——1.07( 0) ————–0.55