scriptन्यायिक कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर आई ये बड़ी खबर… | This big news came about the movement of depressed employees | Patrika News

न्यायिक कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर आई ये बड़ी खबर…

locationजयपुरPublished: Dec 02, 2022 05:46:09 pm

Submitted by:

Arvind Palawat

प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कर्मचारियों का सामूहिक कार्य बहिष्कार फिलहाल जारी रहेगा। पुलिस की ओर से सुभाष मेहरा की मौत के संबंध में परिजनों की ओर से दी गई शिकायत पर एफआईआर हाईकोर्ट प्रशासन के निर्देश के बावजूद दर्ज नहीं की गई है।

जयपुर में खत्म नहीं हुआ आंदोलन तो प्रदेशभर की अदालतों में ठप्प हो सकता है कामकाज
जयपुर। प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों में न्यायिक कर्मचारियों का सामूहिक कार्य बहिष्कार फिलहाल जारी रहेगा। पुलिस की ओर से सुभाष मेहरा की मौत के संबंध में परिजनों की ओर से दी गई शिकायत पर एफआईआर हाईकोर्ट प्रशासन के निर्देश के बावजूद दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र नारायण जोशी ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर दिया है। साथ ही कहा है कि अब वे दिल्ली जाकर चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया से मुलाकात करेंगे और उन्हें कर्मचारियों के आंदोलन की जानकारी देंगे।
यह भी पढ़ें

न्यायिक कर्मचारियों का आंदोलन हो सकता है खत्म, तीसरे दौर में बनी सहमति

जोशी ने बताया कि गुरूवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ उनकी कई दौर की वार्ता हुई थी। इस दौरान हाईकोर्ट प्रशासन भी मौजूद था और इस वार्ता में एफआईआर दर्ज कराने पर सहमति बनी थी। साथ ही कर्मचारियों ने हाईकोर्ट प्रशासन को आश्वस्त किया था कि एफआईआर की कॉपी मिलते ही वे आंदोलन खत्म कर देंगे। लेकिन, शुक्रवार को दिनभर कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ ही मृतक सुभाष मेहरा के परिजन भांकरोटा थाने से लेकर कमिश्नरेट के चक्कर काटते रहे। शाम तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। जोशी ने कहा कि राज्य सरकार यह दावा करती है कि कोई भी व्यक्ति किसी के भी खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा सकता है, जबकि राजधानी में कर्मचारियों को केवल एफआईआर दर्ज करवाने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।
इन मांगों पर बनी थी सहमति
राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर में गुरूवार को तीन दौर की वार्ताओं के बाद कर्मचारियों की मांगों पर सहमति बनी थी। इसमें पहला मुद्दा एफआईआर दर्ज करवाने का था। जिस पर हाईकोर्ट प्रशासन ने सहमति दे दी। वहीं, मृत कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने पर भी सहमति बनी थी। साथ ही 50 लाख रूपए का मुआवजा सरकार से दिलवाने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई।
लाखों मुकदमें हुए प्रभावित

बता दें कि जयपुर की अधीनस्थ अदालतों में 18 नवंबर से सामूहिक कार्य बहिष्कार चल रहा है। यहां पर रोजाना करीब 15 से 18 हजार केस की सुनवाई प्रभावित हो रही थी। जबकि तीन दिन से प्रदेशव्यापी हड़ताल के कारण करीब डेढ़ लाख मुकदमों की रोजाना सुनवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में कोर्ट में पेंडेंसी भी बढ़ती ही जा रही है।
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8g07im
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो