केआइए पर साढ़े तीन किलो गांजा जब्त, तस्कर गिरफ्तार
जयपुर. पुलिस के साथ मंगलवार रात खूब बीती। लोग पुलिस से शिकायत कर रहे थे कि हमारे यहां रोजाना कार में लोग आते हैं, बैठकर शराब पीते हैं। हमारी शान्ति भंग होती है। बहन-बेटियां घर से नहीं निकल सकतीं। ऐसे खुलेआम शराब पीने वालों को पकड़ो। लोगों की इस शिकायत पर आखिर पुलिस जागी। मंगलवार रात जा पहुंची मौके पर। पकड़ लाई दो लोगों को। मगर… थाने में जो पता चला तो पुलिस के हाथों से तोते उड़ गए। पता चला कि दोनों तो भाई हैं। मंत्रीजी के पुत्र हैं। आखिर पुलिस को दोनों को छोडऩा पड़ा।
हुआ यों कि शिवाजीनगर स्थित रेलवे लाइन के पास गाड़ी में बैठकर शराब पीने की आए दिन शिकायत मिल रही थीं। लोगों को शिकायत थी कि ऐसे लोगों और उनकी गतिविधियों के कारण आसपास रहने वाले खासे परेशान हैं। इस पर मंगलवार रात पीसीआर वहां पहुंची। पुलिस वहां एक कार में बैठकर शराब पी रहे 2 लोगों को पकड़कर थाने ले गई। फिर पता चला कि जिन्हें वह पकड़कर लाई है, वे तो एक मंत्री के बेटे हैं। उधर मंत्री के बेटों के दोस्त ने परिवार वालों को जानकारी दे दी। इसी बीच पुलिस अधिकारियों के पास फोन घनघनाने लगे। तब थाना पुलिस ने दोनों भाइयों को छोड़ दिया। हालांकि सूत्रों की मानें तो पुलिस तब तक एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई कर चुकी थी। इस बीच कुछ लोग यह देखने थाने पहुंच गए कि पुलिस कार्रवाई करती है या नहीं। थानाधिकारी हरिपाल का कहना है कि पुलिस ने एमवी एक्ट में कार्रवाई की है। मंत्री के बेटों के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि जयपुर शहर में यह परेशानी किसी एक इलाके की नहीं, ज्यादातर इलाकों की है। गली-मोहल्लों में जहां भी खाली भूखंड, सूने मकान आदि दिखें, वहां देर शाम से शराब पीने वालों का जमावड़ा लगने लगता है। कई इलाके तो ऐसे हैं, जहां पुलिस प्राय: नहीं पहुंचती तो शराबी खुले आम सड़क किनारे कार में बैठकर शराब पीते हैं। देर तक उनका शोर-शराबा चलता है। आसपास के लोग आपत्ति करें तो वे झगड़ा करने पर आमादा हो उठते हैं। घरों पर बोतलें फेंकने, घरों के बाहर खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं भी सामने आती रही हैं। इसके बावजूद पुलिस ऐसे लोगों पर लगाम नहीं कस पा रही है।