जयपुर

इस हिंदू संत ने दिया सरकार को अल्‍टीमेटम…कहा, आगे गड़बड़ की तो कर देंगे तख्‍ता पटल

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जयपुरSep 03, 2018 / 01:02 pm

dharmendra singh

इस हिंदू संत ने दिया अल्‍टीमेटम…सरकार का तख्‍ता पटल करने की चेतावनी

सीकर
फतेहपुर में कावड़ियों पर हुए हमले व पुलिस की बर्बरता के खिलाफ पिछले तीन से आंदोलनरत दिनेशगिरी महाराज ने फतेहपुर पुलिस उपाधीक्षक को एपीओ करने के साथ-साथ सरकार की ओर से अन्य मांगें मानी जाने के बाद आंदोलन समाप्ति की घोषणा की। लालकुआं के पास आयोजित सभा को संबोधित करते हुए दिनेशगिरी महाराज ने कहा कि इतनी सी बात मनवाने के लिए कितना पसीना बहाना पड़ा, यह सरकार की नाकामी है। हिंदुत्व की आन-बान और शान के लिए आगे यदि आंदोलन हुआ तो शेखावाटी के संत युवाओं को साथ लेकर सरकार का तख्ता पलट कर देंगे।
सरकार को अपनी ताकत का अहसास करवाया
महाराज ने कहा कि हिंदुओं ने अपनी ताकत दिखाई, उसी के बल पर सरकार को झुकना पड़ा। शेखावाटी का यह पहला आंदोलन है, जिसमें नेताओं का कोई लेना देना नहीं रहा, साधु-संतों के नेतृत्व में युवाओं ने सरकार को अपनी ताकत का अहसास करवाया। महाराज ने इस दौरान रामगढ़, फतेहपुर व लक्ष्मणगढ़ की जनता का अभूतपूर्व सहयोग देने के लिए आभार जताया। सभा को बीदावत मंदिर के महंत दिलीपदास महाराज ने भी संबोधित किया।
कांवडि़यों पर हमले के बाद हुआ था तनाव

गौरतलब है कि सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में लगभग 15 दिन पहले समुदाय विशेष के लोगों द्वारा कांवडि़यों पर हमले के बाद जबरदस्त तनाव पैदा हो गया था। पथराव और आगजनी पर उतरी उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया था। बाद में आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ हवा में रबड़ की गोलियां चलार्इं थीं, इन घटनाओं में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। फतेहपुर और आसपास के क्षेत्र में पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता तैनात कर दिया गया था।
समुदाय विशेष के लोगों ने किया था डीजे बजाने का विरोध

दरअसल फतेहपुर में कांवड़ियों का एक समूह डीजे पर गानों के साथ गुजर रहा था। इसी बीच जब वे एक धार्मिक स्थल के सामने से गुजर रहे थे, तभी समुदाय विशेष के लोगों ने डीजे बजाने का विरोध किया था। इस बीच दोनों पक्षों में मारपीट हो गई, इससे तीन कांवड़िये घायल हो गए थे। कावड़ियों का रवाना कर मारपीट में लिप्त चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। सुबह जब कावड़ियों के पक्ष के लोगों को पता चला तो वे एकत्रित हो गए। व्यापार मंडल के सहयोग से बाजार बंद कराने लगे थे।
 
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